भारत का एमडीएफ बाजार अगले तीन वर्षों में दोगुना हो जाएगा

person access_time   3 Min Read 19 April 2023

- श्री शेखर चंद्र सती, प्रेसीडेंट - सेल्स एंड मार्केटिंग, एमडीएफ - फ्लोरिंग, ग्रीनपैनल इंडस्ट्रीज लिमिटेड

उद्योग जगत एमडीएफ के बारे में आज बड़ी दिलचस्पी से बात कर रहा है। हम देख सकते हैं की एमडीएफ में भारतीय बाजार में कई नए वैल्यू एडेड प्रोडक्ट सामने आए हैं। दस साल पहले, इंडस्ट्री का साइज छोटा था, लेकिन इस दस साल में, देश में कई बड़े और छोटे मैन्युफैक्चरर उभर आने से इंडस्ट्री का तेजी से विकास हुआ है। प्लाई रिपोर्टर के ब्रांड बज प्रोग्राम में श्री शेखर चंद्र सती, प्रेसीडेंट - सेल्स एंड मार्केटिंग, एमडीएफ - फ्लोरिंग, ग्रीनपैनल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मौजूदा स्थिति पर बात करते हुए बताया कि एमडीएफ के लिए बाजार हमेशा अच्छा है, और यह न्यूनतम 35 से 40 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, और 15 से 20 फीसदी की वृद्धि अभी भी अपेक्षित है। बाजार 75000 सीबीएम प्रति माह से बढ़कर अब 210000 सीबीएम हो गया है, और कुल बाजार का आकार तीन साल पहले लगभग 1200 करोड़ रुपये से बढ़कर अब लगभग 7000 करोड़ रुपये का हो गया है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा, स्पष्ट दस्तावेजी प्रमाण है कि यह उद्योग बहुत अच्छा कर रहा है।

यह बाजार अभी भी बढ़ रहा है और भविष्य में भी बढ़ता रहेगा। हालांकि, पहले की तुलना में प्रतिस्पर्धा थोड़ी ज्यादा होगी। फिलहाल, मांग थोड़ी स्थिर है, या हम कह सकते हैं कि बढ़ ही रही है, लेकिन उस रेट से नहीं, क्योंकि प्लेयर्स की बढ़ती संख्या के साथ भारत के भीतर से ही आपूर्ति अचानक बढ़ गई है, और आयात भी शुरू हो गया है। इसलिए, थोड़ी कठिनाई है, लेकिन फिर भी बाजार सही उत्पाद और सही रणनीति के साथ बढ़ रहा है। हमें उम्मीद है कि एमडीएफ आने वाले दिनों में भी अच्छा प्रदर्शन करता रहेगा।

उन्होने बताया पिछले तीन वर्षों में थोड़ी असामान्य वृद्धि देखी गई, क्योंकि उद्योग बहुत तेजी से बढ़ा, लेकिन अभी भी एक अच्छा मौका है और बाजार तीन साल में दोगुना से ज्यादा होकर 15,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। बाजार में एमडीएफ की अच्छी स्वीकार्यता है क्योंकि अन्य उत्पादों की तुलना में इसके कई फायदे हैं। यह बताने का मकसद यह है की हमारे चैनल पार्टनर्स और ग्राहकों को आश्वस्त करना है कि वर्तमान स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है।

मंदी को लेकर व्यापारियों मंे बैठे डर पर बात करते हुए बताया कि ऐसी बातें करना भारतीय बाजार के लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि बाजार के बढने की गुंजाइश काफी ज्यादा है क्योंकि अभी भी बहुत सारे घर बन रहे हैं, तथा यह सिलसिला कई और सालों तक जारी रहेंगे। इसलिए, भारत में निकट भविष्य में डिमांड की कोई दिक्कत नहीं है। हालाँकि, अचानक घरेलू आपूर्ति के साथ-साथ आयात भी काफी होने लगा है, जो पूरे वैल्यू चेन और इकोसिस्टम पर एक अस्थायी दबाव डाल रहा है।

यह दबाव हर कोई महसूस कर रहा है, चाहे वे ट्रेड पार्टनर हों, डीलर्स हों, डिस्ट्रीब्यूटर्स हों या यहां तक कि मैन्युफैक्चरर भी। इससे छोटी कंपनियों में घबराहट है और उनमें से कुछ शॉर्टकट भी अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। विश्वास बहाल करने और रणनीति क्षमता, उत्पादों पर सही आर एंड डी करने और कुछ नया करने का यह सही समय है।

यह दबाव हर कोई महसूस कर रहा है, चाहे वे ट्रेड पार्टनर हों, डीलर्स हों, डिस्ट्रीब्यूटर्स हों या यहां तक कि मैन्युफैक्चरर भी। इससे छोटी कंपनियों में घबराहट है और उनमें से कुछ शॉर्टकट भी अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। विश्वास बहाल करने और रणनीति क्षमता, उत्पादों पर सही आर एंड डी करने और कुछ नया करने का यह सही समय है।

एफआर-ग्रेड एमडीएफ: एफआर-ग्रेड एमडीएफ पर उन्होंने ने कहा कि जिन कंपनियों ने इस उत्पाद को फायर रिटरडेंट के नाम से लॉन्च किया, हमें देखना होगा कि ये उत्पाद वास्तव में अग्निरोधी है या नहीं? किसी उत्पाद के फायर रेजिस्टेंस होने का दावा करने के लिए कुछ मापदंडों का उपयोग किया जा सकता है। कुछ एजेंसियां हैं जो उत्पाद को प्रमाणित करती हैं। ग्रीनपैनल ने वारिंगटन, यूनाइटेड किंगडम (यूके) की प्रयोगशाला से परीक्षण प्रमाण पात्र प्राप्त किया है, जो किसी भी उत्पाद के एफआर क्वालिटी को प्रमाणित करने वाली प्रसिद्ध परीक्षण प्रयोगशालाओं में से एक है। यह क्लास वन सर्टिफिकेट है, जिसे दुनिया भर में सबसे अच्छा माना जाता है।

ग्रीनपैनल का उत्पाद CBRI (सेंट्रल बिल्डिंग, रिसर्च इंस्टीट्यूट) द्वारा प्रमाणित है, जिसे सभी सरकारी विभागों द्वारा एक बहुत मजबूत संदर्भ माना जाता है। केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (CIRT) ने भी उनके उत्पाद को मंजूरी दे दी है। यह सभी वाहन बनाने वाली, बस बनाने वाली कंपनियों, और राज्य परिवहन अथॉरिटी जैसे दिल्ली में डीटीसी, कर्नाटक में बैंगलोर ट्रांसपोर्ट, बेस्ट, पंजाब रोडवेज, यूपी रोडवेज, आदि के लिए अनुमोदित किये जाने का मौका देता है। वास्तविक समस्या यह थी कि कंपनी के पास जेन्युन फायर रिटारडेंट प्रोडक्ट नहीं थे। हमने इंतजार किया, नहीं तो हम एक या दो साल पहले ये उत्पाद जारी कर चुके होते।

उन्होने कहा केवल डेन्सीटी किसी उत्पाद को फायर रिटरडेंट नहीं बनाती। फायर रिटरडेंट बनाने के लिए, कुछ केमिकल मिलाये जाते है जो डेंसिटी से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। हमारे पास दो रेंज हैंः एक क्लब-ग्रेड एचडीडब्ल्यूआर है, जिसका घनत्व लगभग 850 किलोग्राम है। इस उत्पाद को इंटीरियर यूज के लिए जन-जन तक पहुंचाने का भी प्रयास किया गया है। कम्पनी एक ऐसा उत्पाद विकसित करना चाहती थी जो न केवल हाई एंड मार्केट बल्कि रेसीडेंशल मार्केट को भी टारगेट करेँगे 

उन्होने कहा पिछले तीन-चार वर्षों में काफी कैपेसिटी एडिशन हुआ है। बाजार में मौजूदा डर आयात और उनकी कीमतों के कारण है। लेकिन केवल प्राइस फैक्टर के कारण आयातकों की ओर ज्यादा झुकाव भारतीय ट्रेड चैनल पार्टनर के लिए तार्किक या रणनीतिक रूप से सही नहीं होगा। उन्होने भारतीय कंपनियों के साथ रहनें की सलाह दी और उन पर विश्वास करनें को कहा क्योंकि अब भारतीय कंपनियां विश्व स्तर के उत्पाद बना रही हैं।। यही वजह है कि उन्होने इसे इंटीरियर में भी डेवलप किया है। इंटीरिया एफआर-ग्रेड एमडीएफ का घनत्व 750 किग्रा होता है। इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हमने बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर की एक टीम बनाई है। हम अखिल भारतीय प्रमुख वाले सरकारी कार्यक्षेत्रों के लिए एक टीम बना रहे हैं। सरकारी परियोजनाओं के लिए बीडीएम टीमों में 15 से 20 सदस्य होंगे। उनकी भूमिका विभाग का दौरा करने, उत्पाद का प्रदर्शन करने और इसे स्वीकृत कराने की होगी। और निजी तौर पर हम सभी आर्किटेक्ट, इंटीरियर डिजाइनर और होटल व्यवसायियों के पास जाएंगे।

उन्होने एफआर-ग्रेड एमडीएफ के रेकमेंडेड एप्लीकेशंस के बारे में कहा कि इसे उन सभी जगहों पर जहां इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां जेनरल एमडीएफ का इस्तेमाल किया जाता है। यह आॅफिस, होटल, और रेसिडेन्स, तथा ऊंची ऊँची इमारतों, कमर्सिअल प्लेसेस आदि जैसे जगहों के लिए प्रिवेंटिव इंटीरियर डेकोर के लिए काफी बेहतर है। फायर रेटेड गुण एमडीएफ प्री-लैम के साथ भी प्रभावशीलता पर उन्होनें कहा क्योंकि लेमिनेट मेलामाइन से बना होता है जो वैसा अग्निरोधी नहीं है। हालांकि, जलने का समय घट जाएगा, क्योंकि बेस बोर्ड के फायर रिटारडेंट होने के कारण अग्निरोधी विशेषताएं भी होंगी।

उन्होने कहा कि हम आयात और सभी पर बारिकी नजर रख रहे हैं, लेकिन अचानक आयात के मामले में कोई नीतिगत बदलाव नहीं हो सकता। अगर कुछ करने की जरूरत है, तो वे कदम निश्चित रूप से उठाए जाएंगे। साथ ही, हम उत्पाद के लिए बाजार में ब्रांड बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम एक ब्रांड बनाने के लिए अच्छी खासी रकम खर्च करेगे। अभी हो रहे आयातों का मुकाबला करने के लिए हमें घबराना नहीं चाहिए क्योंकि पिछले दो से तीन वर्षों में भारत में बड़े पैमाने पर आयात मे रुकावट के चलते बहुत से लोग अब आयात कर रहे हैं।

इसलिए आयात एक बहुत ही अस्थायी है, तीन से चार महीने के लिए। यह बाजार ठीक हो जाएगा, और लोग सेवाओं, प्रोडक्ट प्रोफाइल और विभिन्न पेशकश के साथ-साथ अपनेपन के कारण भारतीय ब्रांडों पर भरोसा करने के फायदों को समझेंगे। क्योकि अगर कल उत्पाद के साथ कुछ होता है तो विदेशी कंपनियां आपकी चिंताओं का ध्यान रखने के लिए नहीं आएगी। इसलिए केवल तत्कालीन फायदे के लिए आयात का बढावा न दें, तार्किक रहें और भारतीय कंपनियों में लौट आएं। हम अपने स्तर पर विश्व स्तर के उत्पाद लाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और बहुत दृढ़ता से दृढ़ संकल्पित हैं, जो आयातित कंपनियां नहीं दे रही हैं।

कम्पनियों के काम करने के दो तरीके हैं। छूट, जिसे ग्राहक को दे सकते हैं तो आपके मार्जिन का क्या हुआ? दूसरा यदि कोई कंपनी बहुत सी चीजें करती हैं जिससे माँग बढे तो एक बेहतर मार्जिन बनाए रखने में सक्षम होंगे। संभवतः, यह एक ब्रांड पुल है जो दीर्घकालिक फायदा देगा। तत्काल प्रभाव से शॉर्टकट अपनाने के बजाय ब्रांड पर काम करने की सलाह दी जाती है। ग्रीनपैनल ने एमडीएफ के एक नए अभियान के साथ आगे आया था और आज यह नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। इनके पास देश में दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, एक दक्षिण भारत में और एक उत्तर में। उद्योग की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं पर ग्रीनपैनल, एक अच्छी भूमिका निभाएगा।

 

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