कच्चे माल की कीमतों में थोड़ी नरमी के बाद, प्राइस ट्रेंड फिर से ऊपर की ओर जा रही है। कच्चे माल की बढ़ती कीमतों का चलन भारतीय डेकोरेटिव लेमिनेट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए सावधानी बरतने का संकेत है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, क्राफ्ट पेपर, मेलामाइन, फिनाॅल आदि की कीमतें जनवरी 2023 के मध्य के बाद फिर से बढ़ने लगी हैं हालाँकि यह काफी कम है। लेमिनेट उत्पादक जो कीमतों में और कटौती पर विचार कर रहे थे, अब तैयार उत्पादों के लागत की गणना फिर से करने लगे हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, बी-ग्रेड क्राफ्ट पेपर की कीमतें जनवरी के अंतिम सप्ताह में 10 प्रतिशत तक बढ़ गई, जो की पहले 30 रुपये से नीचे चल रही थी। उद्योग के सूत्रों का मानना है कि क्राफ्ट पेपर की कीमतें और मजबूत होंगी क्योंकि कुछ प्लांट्स में उत्पादन बंद हो गए और कुछ को निर्यात के आर्डर भी मिले है। एक क्राफ्ट सप्लायर का कहना है कि मांग और आपूर्ति में असंतुलन के कारण कीमतें बढ़ती हैं इसलिए आने वाले महीनों में कीमतें बढ़ सकती हैं।
क्राफ्ट पेपर में वृद्धि ने लाइनर ग्रेड लेमिनेट की कीमतों में गिरावट को तुरंत रोक दिया है। मिड सेगमेंट और अन-ऑर्गनाइज्ड ट्रेड सेगमेंट द्वारा लाइनर लेमिनेट की कीमत 350 के आसपास बताई जा रही थी, जिसमें 10-15 रुपये प्रति शीट लागत बढ़ सकती है, चूंकि लाइनर ग्रेड में राॅ मेटेरियल कीमतें तुरंत प्रभावित करती है, इसलिए उद्योग को इसे बाजार तक पहुंचाना ही होगा।
जनवरी में मेलामाइन की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई, और पिछले साल नवंबर में 95 रूपए के निचले स्तर से लगभग 12 फीसदी की छलांग लगाई है। इसी तरह, अन्य केमिकल जैसे फिनोल, मेथनॉल आदि की कीमतों में वृद्धि का रुझान है लेकिन बहुत अधिक बदलाव नहीं हुआ है। लैमिनेट उद्योग ने पहले बी-ग्रेड क्राफ्ट पेपर और मेलामाइन की कीमतों में भारी वृद्धि देखी थी, इसलिए एक बार जब इन दो कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि का संकेत मिलता है, तो उद्योग अलर्ट मोड में आ जाता है, क्योंकि दोनों सेगमेंट पहले अनप्रिडिक्टबल रहे हैं।