समुद्री माल ढुलाई के रेट मे भारी गिरावट से एमडीएफ का आयात बढ़ा

person access_time3 17 May 2023

समुद्री माल ढुलाई के रेट में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के साथ एमडीएफ का आयात बढ़ गया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि पिछले छह महीनों से समुद्री मालभाड़ा में लगातार गिरावट आ रही है और फरवरी 2023 में यह महीने दर महीने 13.३ फीसदी तक गिर गई, जो रिकॉर्ड गिरावट थी और आगे भी गिरावट आने की उम्मीद है। मार्च 2023 के पहले पखवाड़े की औसत एशिया-यूरोप कंटेनर रेट मार्च 2019 की दरों की तुलना में १७ फीसदी कम हो गई।

इस महत्वपूर्ण गिरावट से पता चलता है कि एशिया-यूरोप के समुद्री व्यापार प्राइस वॉर जोन में प्रवेश कर गया है क्योंकि मांग में गिरावट जारी है। स्थिति में बदलाव ने डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को प्रभावित किया है, क्योंकि भारत से पिछले साल निर्यात हुआ था। लेकिन, मैन्युफैक्चरर्स को अभी भी भरोसा है कि एक बार नई क्षमता स्थापित हो जाने के बाद आयात कुल खपत के 10 फीसदी से कम ही रहेगा।

उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2022 में, भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊँची कीमतों, लॉजिस्टिक की दिक्क्तों और वैश्विक बाजारों में इसके उत्पादों की बढ़ती स्वीकार्यता के कारण एमडीएफ का शुद्ध निर्यात किया गया था। जबकि पांच साल पहले, भारत अपनी कुल खपत का लगभग एक तिहाई एमडीएफ आयात कर रहा था। इस समय एमडीएफ की मांग दोगुनी से भी अधिक हो गई और आयात से प्रतिस्पर्था मिल रही है। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि सभी प्रकार के एमडीएफ का आयात किया जा रहा है और थीक एमडीएफ के आयात की मात्रा भी बढ़ रही है।

उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2022 में, भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊँची कीमतों, लॉजिस्टिक की दिक्क्तों और वैश्विक बाजारों में इसके उत्पादों की बढ़ती स्वीकार्यता के कारण एमडीएफ का शुद्ध निर्यात किया गया था। जबकि पांच साल पहले, भारत अपनी कुल खपत का लगभग एक तिहाई एमडीएफ आयात कर रहा था। इस समय एमडीएफ की मांग दोगुनी से भी अधिक हो गई और आयात से प्रतिस्पर्था मिल रही है। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि सभी प्रकार के एमडीएफ का आयात किया जा रहा है और थीक एमडीएफ के आयात की मात्रा भी बढ़ रही है।

अध्ययन से यह भी संकेत मिलता है कि शार्ट साईकल के प्लेयर्स प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इम्पोर्ट में शामिल हैं, इसलिए इम्पोर्ट में और लोगों के शामिल होने को बढ़ावा मिलने की संभावना है क्योंकि इसमें कई नए प्लेयर्स सामने आए हैं। इस वर्ष एमडीएफ के उत्पादन की अनुमानित क्षमता 35 फीसदी है, इसलिए आने वाले वर्षों में भारत की कुल मांग पर बहुत कम प्रभाव पड़ने की संभावना है क्योंकि क्षमता में विस्तार डिमांड बढ़ने और रेडीमेड फर्नीचर के घरेलू उत्पादन बढ़ने के अनुमान के आधार पर ना कि प्रॉफिट मार्जिन के आधार पर किया जा रहा है। नतीजतन, उद्योग की स्थापित क्षमता अगले दो वर्षों में लगभग 70 फीसदी बढ़ जाएगी।

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