"प्रोजेक्ट्स के कारण इंडस्ट्री का भविष्य 2024 में उज्ज्वल रहने की संभावना हैं, क्योंकि उनमें से अधिकांश पूरा होने के कगार पर हैं। पूरे परिदृश्य में निश्चित रूप से सुधार होने जा रहा है, जिससे ब्रांडेड और स्ट्रांग प्लेयर्स को ज्यादा फायदा होगा। वर्ष 2024 डिमांड के मामले में 2023 से बेहतर होने की उम्मीद है क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था और भारत की ग्रोथ स्टोरी तेजी से आगे बढ़ रही है।"
साल 2023 उतार-चढ़ाव और आश्चर्य से भरा रहा। कुछ महत्वपूर्ण टर्निंग पॉइंट्स थे; जैसे वियतनाम और नेपाल से पैनल बोर्ड और प्लाइवुड के आयात में वृद्धि, पैनल और फर्नीचर इंडस्ट्रीज में सभी उत्पादों के लिए अनिवार्य बीआईएस लाइसेंस, बढ़ती ब्रांड स्वीकृति के साथ ऑर्गनाइज्ड प्लेयर्स की बाजार हिस्सेदारी का बढ़ता ग्राफ, ऐक्रेलिक शीट और डब्ल्यूपीसी डोर फ्रेम के साथ, वुड पैनल डेकोरेटिव फोलियो में स्थायी रूप से अपनी जगह बना रहे हैं तथा भारत में बढ़ता हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री आदि।
सबसे महत्वपूर्ण बदलाव जो 2023 में स्पष्ट है, वह है भारतीय वुड पैनल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों द्वारा प्लांटेशन में तेजी और उनकी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना। इससे यह स्पष्ट है कि इंडस्ट्री ऑर्गनाइज्ड, सस्टेनेबल, कम्प्लायंट और कॉम्पिटिटिव होने की दिशा में आगे बढ़ रही है। खपत बढ़ने के साथ-साथ बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है। कंपनियों की बढ़ती क्षमताओं को बाजार द्वारा अवशोषित करने में समय लगता है।
नवंबर 2023 में बाजार में रही सुस्ती के कारण चिंता दिखी। नवंबर में डिमांड अक्टूबर की तुलना में 25 से 30 फीसदी कम बताई गई। फैक्टरियों में उत्पादन कम रहा और रिटेल काउंटरों पर ‘स्लो पेमेंट‘ की बातों के साथ डिमांड के लिए लोगों में काफी परेशानी दिखी। हालांकि दक्षिणी और मध्य के कुछ राज्यों में सुस्ती का असर कम रहा। उन्होंने देश के बाकी हिस्सों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।
लगभग सभी वुड पैनल केटेगरी में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की तुलना में अनऑर्गनाइज्ड सेगमेंट में डिमांड कम थी। डेकोरेटिव सरफेस और डोर्स केटेगरी अभी भी आगे बढ़ रही है, लेकिन हार्डवेयर और एमडीएफ सहित सभी प्रोडक्ट केटेगरी में सुस्ती बनी हुई है। प्लाई रिपोर्टर में, ये निष्कर्ष पूरे भारत से एकत्रित मार्केट सेंटीमेंट का एक खाका हैं। यदि अक्टूबर महीना औसत माने तो, नवंबर काफी खराब रहा।
ट्रेड और कस्टमर द्वारा मांग में सुधार और बढ़ोतरी की उम्मीद के साथ, लोग शादी का मौसम खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। दिसंबर और जनवरी में आंशिक सुधार के संकेत हैं क्योंकि लेवर वापस काम पर लौट आए हैं। पेमेंट सिनेरियो हर जगह टाइट है लेकिन इसका कारण स्लो लिफ्टिंग को भी माना जा रहा है। उम्मीद है कि दिसंबर के मध्य तक बाजार संभल जाएगा और नए बजट तक बेहतर स्थिति में आ जाएगा।
कंस्ट्रक्शन साइटों पर काम में तेजी आ रही है और फर्नीचर मैन्युफैक्चरर के साथ भी ऐसा ही है। हालांकि फैक्ट्रयों में भारी मात्रा में स्टाॅक इन्वेंट्री है, जिससे सेल्स पर दबाव है। राज्यों के चुनाव नतीजों के साथ-साथ मजबूत जीडीपी तथा आगे की उज्ज्वल संभावनाएं अर्थशास्त्रियों, निवेशकों में उत्साह का संचार कर रही हैं। इस प्रकार आने वाले महीनों में मेट्रो शहरों के सेल्स बेहतर होने की उम्मीद है।
प्रोजेक्ट्स के कारण इंडस्ट्री का भविष्य 2024 में उज्ज्वल रहने की संभावना हैं, क्योंकि उनमें से अधिकांश पूरा होने के कगार पर हैं। पूरे परिदृश्य में निश्चित रूप से सुधार होने जा रहा है, जिससे ब्रांडेड और स्ट्रांग प्लेयर्स को ज्यादा फायदा होगा। वर्ष 2024 डिमांड के मामले में 2023 से बेहतर होने की उम्मीद है क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था और भारत की ग्रोथ स्टोरी तेजी से आगे बढ़ रही है। प्लाई रिपोर्टर के अगले अंक में 2024 के लिए पॉसिब्लिटीज और प्रिडिक्शन्स प्रकाषित होंगे, जो पिछले 23 वर्षों से एक परंपरा रही है।
2024 प्लाई रिपोर्टर के लिए 24वें वर्ष की शुरुआत होगी, जो अब अपने दो अन्य सहयोगी प्रकाशनों ‘सर्फेस रिपोर्टर‘ और ‘फर्नीचर डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी‘ के साथ आगे बढ़ रही है।
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आप सभी को नव वर्ष 2024 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
प्रगत द्विवेदी