उत्तर भारत में फॉर्मल्डिहाइड की आपूर्ति बाधित, प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग प्रभावित

Wednesday, 14 October 2020

उत्तर में कई फॉर्मल्डिहाइड प्रोसिंग प्लांट को बंद किये जाने के कारण प्लाइवुड और पैनल मैन्युफैक्चरिंग फॉर्मल्डिहाइड के सप्लाई में दिक्कत का सामना कर रहा है। इस संकट के कारण उत्तर भारत में फॉर्मलीन की कीमतों में वृद्धि हुई है। फॉर्मल्डिहाइड की कीमतों में कथित तौर पर 40 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, एक महीने पहले, फॉर्मल्डिहाइड की कीमतें 12 रुपये के आसपास थीं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि अब यह लगभग 18 रूप है। उत्तर भारत में प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर कच्चे मालकी उपलब्धता और इनपुट कॉस्ट दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। चल रहा संकट इतना उलझा हुआ है कि एसोसिएशन, प्राधिकरण और फॉर्मल्डिहाइड निर्माता सभी संभव समाधान खोजने में सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं।

यमुनानगर में अनाधिकृत रूप से फॉर्मल्डिहाइड मैन्युफैक्चरिंग कारखानों के खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा हालिया छापे पड़ना मौजूदा संकट का मूल कारण माना जा रहा है। पर्यावरणीय मंजूरी के मामले से सम्बंधित, यमुनानगर में कारखानों को लगातार अधिकारियों द्वारा सील किया जा रहा है, जिसके कारण आरोप प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है। इसके अलावा वैसे फॉर्मल्डिहाइड निर्माता, जिनके संयंत्रों को सील कर दिया गया है, उन्होंने हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री कंवर पाल के साथ बैठक की। एचपीएमए का प्रतिनिधित्व श्री सतीश चोपाल, उपाध्यक्ष, श्री शिव कुमार ने किया था। बैठक के बाद श्री सतीश चोपाल ने एक नोट जारी कर कहा कि मंत्री ने सीएम से मामले पर चर्चा की और जब तक आवश्यक अनुमति प्राप्त नहीं कर लेते जैसा कि राजस्थान में हुआ था, सीलबंद इकाइयों को उत्पादन फिर से शुरू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया।

एचपीएमए द्वारा जारी नोट में यह भी कहा गया है कि अन्य इकाइयां जो सील नहीं हुई है द्वारा ब्लैकमेलिंग की घटना को भी फर्म के नाम के साथ मालिक के बारे में भी सीएम को जानकारी दी गई। ”उम्मीद है कि यह अनुरोध जल्द ही सीएम द्वारा स्वीकार कर लिया जाएगा। हालात बहुत जल्द सामान्य हो जाएंगे।” नोट में कहा गया ऊचें दरों पर कच्चे माल की पैनिक खरीददारी ना करें। एसोसिएशन जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेगा, जो भविष्य में ब्लैक मार्किंग, पूलिंग और कार्टेल में लगे सभी फॉर्मलीन इकाइयों का बहिष्कार करेंगे।

पर्यावरण मंजूरी के बिना चलने वाले कारखानों में करीब एक महीने पहले भी शिलिंग किया गया था, जब लगभग 7 कारखानों को सील कर दिया गया था। हरियाणा में यमुनानगर जिले के मानिकपुर, जठलाना, रादौर और छछरौली में कुल 9 कारखाने चल रहे हैं। यमुनानगर में फॉर्मल्डिहाइड प्लांट के बंद होने के चलते पूरे उत्तर भारत में कीमतों में तेजी आई है, क्योंकि यमुनानगर स्थित प्लाइवुड निर्माताओं ने दूसरे जगहों के प्लांट से खरीदना शुरू कर दिया है।

एचपीएमए के अध्यक्ष श्री जेके बिहानी ने कहा कि प्लाइवुड और लेमिनेट् के लिए ग्लू बनाने के लिए फॉर्मल्डिहाइड सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल है। यदि फॉर्मल्डिहाइड के कारखाने तुरंत शुरू नहीं होते हैं तो इसका असर प्लाइवुड और लेमिनेट के कारखानों पर होगा। वर्तमान में फॉर्मल्डिहाइड की कीमत 19-20 रुपये किलो है, जो 12 से 15 रुपये किलो था और इसकी कीमत बढ़ने से प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट की व्यवहार्यता प्रभावित हुई है। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि अगर फॉर्मल्डिहाइड की कीमतें तुरंत कम नहीं होंगी, तो उत्तर भारत स्थित उद्योग फिनिश्ड गुड्स की कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर होंगे।

Image
Ply Reporter
Plywood | Timber | Laminate | MDF/Particle Board | PVC/WPC/ACP

Ply Reporter delivers the latest news, special reports, and industry insights from leading plywood manufacturers in India.

PREVIOS POST
Largest one-stop Experience Centre for Interior & Exterio...
NEXT POST
Punjab May Face Timber Shortage in 2021-22