पिछले एक दशक में एल्युमीनियम कम्पोजिट पैनल (एसीपी) उद्योग ने 50 से अधिक मैन्युफैक्चरिंग प्रतिष्ठान के साथ, 3 गुना विकास किया है। एक उत्पाद के रूप में एसीपी ने भारत में फसाड एप्लिकेशन के लिए, चाहे वह उंचीं बिल्डिंग हो, विज्ञापन के होर्डिंग हो, सरकारी या आफिस बिल्डिंग हो, सभी जगह काफी अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है, शहरीकरण और बिल्डिंग इंड्रस्टी के विकास के साथ, उत्पाद की मांग में भी वृद्धि हुई है क्योंकि यह किसी एक परियोजना या फसाड एप्लिकेशन के लिए बड़ी मात्रा में लगता है, इसके रखरखाव में आसानी, रंगों की विविधता, बिना परेशानी के इंसटालेशन, स्थायित्व, लुक, डिजाइन इत्यादि ने इस उत्पाद को और अधिक उपयोगीबना दिया है, जिसे एक्सटेरियर ग्रेड फसाड एप्लिकेशन के लिए अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है। फसाड के अलावा, एसीपी उत्पाद साइनेज, पार्टीशन पैनल, बस बॉडीज, एचपीएल क्लैड आदि जैसे अन्य एप्लिकेशन में भी उपयोग किया जाता है, जिससे इस उत्पाद को विकास के बड़े अवसर प्राप्त हुए हैं।
लेकिन, ऐसा लगता है कि यह उद्योग उस स्तर की व्यापार तक नहीं पहुंच पाया है, जो इस तरह के बढ़ते उद्योग से अपेक्षित है। एसीपी सेक्टर अभी भी छोटे और मध्यम स्तर के इंडस्टी टैग के अंतर्गत ही आता है, हालांकि, इसमें लार्ज स्केल सेक्टर बनने के सभी अवसर मौजूद है। एसीपी सेक्टर अग्रणी ब्रांड जैसे अलुडेकॉर एलस्टोन, एलेस्ट्रॉग, इत्यादि ने इस सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कोई एसीपी ब्रांड 500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर की कटेगरी तक क्यों नहीं पहुंचा है, ये एक बड़ा सवाल है? वर्तमान में भारत में एसीपी की प्रति व्यक्ति खपत बहुत कम है, इस प्रकार बडे वॉल्युम के साथ आगे बढ़ने के अवसर काफी ज्यादा है। लेकिन वॉल्युम को गुणवत्ता से समझौता कर इसे हासिल नहीं किया जाना चाहिए। लगातार अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने से उपयोगकर्ताओं के बीच इस उत्पाद को विश्वास बनाने में मदद मिलेगी, क्योंकि यह इस उद्योग की एक बड़ी चुनौती है। उपयोगकर्ताओं के बीच हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार, वे वर्तमान गुणवत्ता की पेशकश से ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं, जो एक्सटेरियर एप्लिकेशन में इस क्षेत्र के विकास की बाधाओं में से एक है।
रेसिडेंसिएल सेगमेंट में डेकोरेटिव लेमिनेट ब्रांड इस कटेगरी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, हालांकि यह एसीपी से महंगा है लेकिन उपयोगकर्ता गुणवत्ता और लुक से बहुत संतुष्ट हैं। हालांकि, यह रेसिडेन्सियल फसाड और फेन्सिग के उद्देश्यों तक ही सीमित है। एसीपी कंपनियों को एमडीएफ उद्योग से सीखना चाहिए, जहां एक्शन टेसा, ग्रीनपैनल जैसे ब्रांड सिर्फ 10 साल में 1000 करोड़ रुपये के कटेगरी तक पहुंच गए हैं। मुझे लगता है कि एसीपी ब्रांड कुछ समय के लिए चूक गए हैं, लेकिन वे भी रफ्तार पकड़ सकते हैं यदि वे एक निर्धारित लक्ष्य और नपी तुली वित्तीय योजना पर काम करें और उसका निष्पादन करें।
इस अंक में रिटेल सेगमेंट के लीडर्स जैसे श्री पंकज कुमार (प्लाई महल, दिल्ली), श्री विपुल वोरा (सुविनियर्स, मुंबई), श्री कैलाश बडगुजर (गणेश प्लाई, अहमदाबाद), श्री अनुराग अग्रवाल (श्री कृष्णा प्लाई, लखनऊ), श्री पंकज जैन (जैन संस, पंचकुला), श्री संजय जैन (सीएलकेएम, जयपुर) और श्री दीपक अग्रवाल (कृष्णा प्लाई, भुवनेश्वर) के विचार प्रकाशित किये गये हैं। अन्य रिटेलर्स, उनके विचार से सीख सकते हैं, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। रेहाऊ दक्षिण एशिया के एमडी सुश्री भावना बिंद्रा, के साथ साक्षात्कार मे एक कंपनी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया है, जो विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों में विश्वास करती है। इसके अलावा इस अंक में न्यूज रिपोर्ट, प्रोडक्ट लॉन्च, इनोवेशन और वुड व डेकोरेटिव पैनल उद्योग में होने वाली घटनाएं भी प्रकाशित किये गये हैं। सितंबर-अक्टूबर माह में व्यापार मे होने वाली अच्छी मांग, आने वाले महीनों में भी रहने की उम्मीद है।