AICA Unveiled New Colour Patterns in Its Ultra Gloss Finish

person access_time5 28 August 2017

पोपलर टिम्बर की बढ़ती कीमतें उत्तरी भारत में प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को परेशान कर रही हैं। पिछले दो महीने में पोपलर की कीमतों में 20 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है और बढ़ती प्रवृत्ति अभी भी जारी
है। उत्तरी भारत स्थित प्लाइवुड उत्पादक अपनी इनपुट लागत की फिर से गणना कर रहे हैं और ब्लॉक बोर्ड, दरवाजों और फुल पोपलर प्लाइवुड के लिए नई कीमत के बारे में पूछना शुरू कर दिया है।

पंजाब के एक निर्माता ने प्लाई रिपोर्टर संवाददाता को बताया कि उन्हें इस हाई इनपुट कॉस्ट को पूरा करने के लिए कीमतों में वृद्धि करनी होगी, अन्यथा उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच जाएगा क्योंकि उन्हें लकड़ी की इस बढ़ी लागत केा अवशोषित करने की क्षमता ज्यादा नहीं हैं। टिम्बर की बढ़ती कीमतों के साथ, केमिकल की कीमतें भी ऊपर जाने की सूचना है, जो मेटेरियल के इनपुट कॉस्ट पर एक और बोझ है।

यमुनानगर स्थित प्लाइवुड निर्माता प्लाई रिपोर्टर बताया कि एक तरफ पोपलर की कीमतें दिन ब दिन बढ़ रही हैं, इसी तरह लकड़ी का वजन सर्दियों के मौसम में अधिक होता है क्योंकि नमी अधिक होती है, इस प्रकार लकड़ी की कीमतों पर 20 फीसदी से अधिक प्रभाव पड़ा है। हमें इस हाई इनपुट कॉस्ट की भरपाई के लिए कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ानी होगा।

यमुनानगर की रिपोर्टं से पुष्टि होती है कि उन्होंने ब्लॉक बोर्डं और फ्लश डोर्स की कीमतों में सफलतापूर्वक वृद्धि की है, लेकिन मांग में कमी के कारण वे प्लाइवुड की कीमतों में वृद्धि करने के लिए प्रयासरत हैं। यमुनानगर के एक निर्माता का कहना है कि वर्तमान लकड़ी की कीमतें फुल पोपलर प्लाई का उत्पादन करना मुश्किल कर दिया है और कई उत्पादक अलटरनेट प्लाइवुड पर शिफ्ट हो गए हैं ।

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