डेकोरेटिव विनियर मार्केट में डाइड विनियर की मांग बढ़ रही है, और विभिन्न शहरों के खुदरा विक्रेता डाइड नेचुरल विनियर का कारोबार बढ़ने की पुष्टि करते हैं। पेशकश और रेंज में वृद्धि के साथ-साथ डाइड रेंज में थोड़ी कम वायाविलिटी के बाबजूद, इसे अपर मिडिल और मिडिल क्लास में स्वीकृति प्राप्त हो रही है। रिटेल काउंटर का मानना है कि बड़े ग्रुप नंबर वाली किस्में उन्हें बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद करती हैं, यही कारण है कि वे डाईड विनियर रेंज को ज्यादा प्रासंगिक मानने लगे हैं।
वास्तव में डाईड विनियर बाजार में मेटेरियल की अच्छी उपलब्धता के साथ इसकी बढ़ती उपलब्धता और डिमांड में वृद्धि देखी गई है। विभिन्न प्रकार के रंगों और प्रजातियों के साथ किये गए पेशकश में निरंतर इनोवेशन से बाजार को बड़ा होने में मदद मिल रही हैं। बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 10 डाइड विनियर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लग गए हैं। निर्माताओं और व्यापारियों के प्रयासों, प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारी और इसके स्थायित्व और एस्थेटिक वैल्यू के फायदों को साझा करने के परिणामस्वरूप बाजार में सुधार हुआ है।
अधिकांश विनियर मार्किट में ग्रे टोन का चलन अभी भी काफी ज्यादा है। उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि प्रीमियम ग्राहकों की प्राथमिकताएं इसकी ओर बढ़ी हैं। भारतीय डेकोरेटिव विनियर उत्पादकों का कहना है कि डाइड विनियर में इनोवेशन के काफी अवसर हैं। इंटीरियर डिजाइनर और आर्किटेक्ट नेचुरल वुड के नए इनोवेटिव कलर को पसंद करते हैं; नतीजतन, इसकी बिक्री अचानक बढ़ गई है, डाइड की मांग दोगुनी हो गई है। लूवर बूम ने भी डाइड विनियर सेगमेंट को अलग दिखने में मदद की है।
भारत के कई विनियर उत्पादक यूरोप और चीन से डाइड रेंज का आयात करते हैं, जो माल ढुलाई की दरों में कमी के कारण आसान हो गया है। दूसरी ओर, कई भारतीय उत्पादकों के पास विनियर को डाई करने के इन-हाउस तकनीक भी है। ज्ञातव्य है कि डेकोरेटिव विनियर की मांग साल दर साल लगातार बढ़ रही है, हालांकि बाजार विभिन्न प्रकार के सरफेस मेटेरियल से भरा हुआ है। शोरूम की बढ़ती संख्या और रिटेलर्स का बढ़ता प्रभुत्व भी भारत में विनियर की डिमांड को बढ़ा रहा हैं।