नोटबन्दी, बस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के रोलआउट होनें और एक नए रियल एस्टेट नियामक की शुरूआत से पहले ही भारतीय रियल एस्टेट का विकास सुस्त था-इसलिए, सामान्य स्थिति में वापसी, सही दिशा में एक कदम से अधिक कुछ भी नहीं है। नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि कीमतों में गिरावट के बावजूद आवास की बिक्री मामूली रूप से सिर्फ 3 प्रतिशत बढ़कर, इस साल की पहली छमाही में आठ प्रमुख शहरों में 1.24 लाख इकाई हुई है। रियल स्टेट सलाहकार ने अपनी ’इंडिया रियल एस्टेट’ नाम से रिपोर्ट जारी की जो आठ शहरों - दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद के प्राथमिक रियल स्टेट बाजारों को ट्रैक करता है।
ऐसा कहा जाता है कि इन आठ शहरों में 2018 जून में नए घर 46 प्रतिशत बढ़ी और 91,739 इकाइयां रही जो पिछले साल की समान अवधि में 62,738 इकाईयां थी। इसमें यह भी कहा गया है कि बेची गई इन्वेंट्री स्तर 17 प्रतिशत घटकर 4,97,289 इकाई हो गई। हालांकि, लंबे परिदृश्य पर विचार करते हुए, यह कहा गया कि, “पिछले 18 महीनों में बिक्री और लॉन्च दोनों बढ़े हैं और ये क्रमशः लगभग 1,24,000 और 92,000 इकाइयां है जो नोटबन्दी के बाद अपने उच्चतम स्तर पर हैं।“
साल-दर-साल की तुलना में, इस साल की पहली छमाही में नाइट फ्रैंक के आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली-एनसीआर में आवास की बिक्री पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 5 प्रतिशत बढ़कर 18,047 इकाई हो गई। बेंगलुरू में आवास की बिक्री में अधिकतम वृद्धि 22 फीसदी बढ़कर 25,802 इकाई रही, जबकि मुंबई में मामूली वृद्धि 1 फीसदी बढ़कर 32,412 इकाई हुई। हैदराबाद में आवास की बिक्री 5 प्रतिशत बढ़कर नोटबन्दी के बाद अब रियल एस्टेट में सुघार के संकेतः नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट 8,313 इकाई हुई। अहमदाबाद में भी 3 फीसदी की बढ़ोतरी 8,087 इकाई देखी गई। हालांकि, कोलकाता में बिक्री 19 फीसदी घटकर 6,591 इकाई हो गई। पुणे में भी 6 फीसदी की गिरावट आई और 16,451 इकाइयां देखी गईं, जबकि चेन्नई में बिक्री 3 फीसदी घटकर 8,585 इकाई हो गई।
नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक (उत्तर) मुदासिर जैदी ने संवाददाताओं से कहा, “बढ़ी हुई लॉन्चिंग और कम कीमत, सरकारी सुधार और प्रोत्साहन के बावजूद, आवास की मांग अभी भी बढ़नी बाकी है।“ उन्होंने आगे कहा मुंबई, पुणे और कोलकाता में कीमतों में गिरावट में क्रमशः 9 फीसदी, 8 फीसदी और 8 फीसदी की तेजी आई है। जैदी ने कहा, “मुंबई, एनसीआर, पुणे और कोलकाता जैसे शहरों में 10-15 फीसदी की प्रभावी कीमत गिरावट जारी है। हैदराबाद सालाना आधार पर 8 प्रतिशत पर असाधारण मूल्य वृद्धि के साथ ट्रेंड को कम करता है।“