उत्तर भारत में पोपलर लॉग की कीमतों में वृद्धि के चलते पिछले एक महीने में ‘ऑल पोप्लर प्लाई‘ की कीमतें 15 प्रतिशत बढ़ी हैं। सीमित उपलब्धता और ज्यादा मांग के कारण उत्तर भारत में पोपलर लॉग की जबरदस्त कमी है। इसका प्रभाव तैयार उत्पाद पर स्पष्ट देखा जा सकता है वहीं प्लाइवुड की कीमत भी 3.50 रुपये प्रति वर्ग फुट से ज्यादा बढ़ी है। बाजार से प्राप्त रिपोर्ट यह पुष्टि करता है कि यदि डीलर आॅल पोपलर प्लाइवुड रेंज प्राप्त करना चाहते है, तो उन्हें 2 महीने पहले की कीमतों की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक चुकानी पड़ेगी। गौरतलब है कि पोपलर लॉग की कीमत 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गई है। एक अनुमान के अनुसार पिछले 50 दिनों में लॉग की कीमतों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मांग एवं आपूर्ति के इस परिदृश्य के कारण यह और बढ़ता जा रहा है।
उत्तर भारत में प्लाइवुड की उत्पादन क्षमता पिछले 2 वर्षों के दौरान मौजूदा प्लांट के आधुनिकीकरण, नई मशीनरी के लगाए जाने और नए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के शुरू होने के कारण लगभग दोगुनी हो गई है, जिससे लकड़ी की खपत में वृद्धि हुई है। इसके विपरीत, किसान पोपलर के वृक्षारोपण में रुचि नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने लॉग की उचित कीमत मिलने की उम्मीद नहीं है और धीरे-धीरे प्लांटेशन एरिया पिछले 3 से 4 वर्षों में कम हो गया है। पोपलर कोर विनियर और सफेदा की लागत बढ़ने के साथ, प्लाइवुड उद्योग आॅल पोपलर के बजाय अल्टरनेट प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग में स्विच कर रहे हैं। पोपलर की ऊंची लागत के साथ, आॅल पोपलर
की प्रासंगिकता समाप्त हो गई है इसलिए 2018-19 में अल्टरनेट प्लाइवुड के बढ़ती मांग के युग का शुरुआत माना जा सकता है।
प्लाई रिपोर्टर ने विश्लेषण किया और पाया कि ‘मौजूदा मूल्य निर्धारण पर आॅल पोपलर प्लाइवुड की पेशकश, उत्पादकों के लिए शुद्ध हानि वाला मामला है, इसलिए विभिन्न राज्य एसोसिएशन ने स्थानीय स्तर पर मूल्य वृद्धि की घोषणाओं की मांग शुरू कर दी है। ऐसे भी लोग हैं जो अभी भी बढ़ी हुई कीमतों पर आॅल पोपलर प्लाई खरीदने के इच्छुक हैं, इसलिए बाजार का एक छोटा सा हिस्सा ऊंची कीमतों पर ‘ऑल पोपलर प्लाई‘ खरीदना और बेचना जारी रखेगा और विभिन्न छोटे प्लाइवुड उत्पादक अभी भी इन बाजार को बनाए रखने के लिए उत्पादन करेंगे। टिम्बर सेगमेंट के बाजार विशेषज्ञों को टिम्बर की कीमतें जल्द कम होने का अनुमान नहीं है।