अब बदलते परिदृश्य में उद्योग समझदार और मेहनती सेल्स टीम की तलाश करता है, जो समर्पण और जिम्मेदारी के साथ संभावित बाजार का पता लगा सके और प्रोडक्ट को स्थापित कर सके। तथ्य यह है कि प्लाइवुड और लैमिनेट उद्योग में अच्छे और सक्षम सेल्समैन की कमी है। न केवल मिड सेगमेंट बल्कि बड़ी कंपनियों में भी जिम्मेदार सेल्स पर्सनल्स की कमी है। पूरे वुड पैनल, प्लाइवुड, सरफेस डेकाॅर, पीवीसी, एसीपी आदि लगभग 50 हजार करोड़ रूपए का कारोबार करता हैं लेकिन अच्छे लोगों की उपलब्धता बहुत कम है।
बदलते समय के साथ, भारतीय वुड पैनल उद्योग और व्यापार संगठित होता जा रहा है, अब पेशेवर दृष्टिकोण के साथ, उपभोक्ता की जरूरत को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य बनाया जा रहा है। उद्योग की जरूरतें पहले की तुलना में तेजी से बदल रही हैं, जहां पहले केवल उत्पादन ही पर्याप्त होता था, वहां अब डीलरों, खुदरा विक्रेताओं, परियोजनाओं, सेल को प्रभावित करने वाले लोगों, ठेकेदारों और उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए सभी उपलब्ध साधनों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। जीएसटी के बाद बड़ी संख्या में मध्यम स्तर के उद्योग औपचारिक व्यापार मॉडल को अपना रहे हैं, साथ ही कई कंपनियों में अगली पीढ़ी के युवा आगे आ रहें हैं, वे मार्केटिंग की आवश्यकता को समझते हैं, वे ग्रोथ के आइडिया पर चर्चा करते हैं और खर्च करने से डरते नहीं हैं। सिर्फ 6 साल पहले, विज्ञापन, प्रचार और टीम बनाने के लिए मध्यम व छोटे स्तर के वुड और डेकोरेटिव पैनल
उत्पादकों को समझाना आसान नहीं होता था, लेकिन अब परिदृश्य अलग है। पहले उन्हें विज्ञापन जारी करने में डर लगता था, क्योंकि उन्हें लगता था कि अधिकारी उनका विज्ञापनों देखकर उन्हें टारगेट कर सकते हैं, लेकिन अब वैसा नहीं है।
अब कंपनियां साहसपूर्वक विज्ञापन करती हैं, और नए बाजारों को विकसित करने के लिए सेल्स टीम और प्रमोशन की योजना बनाने की हिम्मत करती हैं। वे गुणवत्ता व कंपनी की नीतियों के वैल्यू को समझते हैं और उपयोगकर्ताओं और प्रभावित करने वाले लोगों के बीच ब्रांड के प्रसार के लिए प्रयास करने को तैयार हैं। अब बदलते परिदृश्य में उद्योग समझदार और मेहनती सेल्स टीम की तलाश करता है, जो समर्पण और जिम्मेदारी के साथ संभावित बाजार का पता लगा सकते हैं और प्रोडक्ट को स्थापित कर सके। तथ्य यह है कि प्लाइवुड और लैमिनेट उद्योग में अच्छे और सक्षम सेल्समैन की कमी है। न केवल मिड सेगमेंट बल्कि बड़ी कंपनियों में भी जिम्मेदार सेल्स पर्सनल्स की कमी है। पूरे वुड पैनल, प्लाइवुड, सरफेस डेकॉर, पीवीसी, एसीपी आदि लगभग 50 हजार करोड़ रूपए का कारोबार करता हैं लेकिन अच्छे लोगों की उपलब्धता बहुत कम है।
उद्योग का आकार काफी बड़ा है और हर कोई स्थायी व्यवसाय योजना और ऐसे लोग जो इसकी जिम्मेदारी ले सकते हैं और लक्ष्य हासिल कर सकते हैं, की तलाश में है। इसलिए ब्रांड की जरूरत के साथ सेल्स पर्सनल्स की भूमिका बड़ी और महत्वपूर्ण होती गई है। वे विकासोन्मुख होना चाहिए, केवल प्रोडक्ट की कीमतें गिराने के बजाय आवश्यक लाभ मार्जिन प्राप्त करने के लिए कंपनियों के व्यवसाय की योजना विस्तार में सक्षम होना चाहिए। यदि ये अपनी जिम्मेदारी समझें और परिणाम दें, न की कारण और अपने 100 फीसदी समय, ऊर्जा और समर्पण तथा प्रयासों का उपयोग करें, तभी वे कंपनी की बिक्री बढाने के साथ खुद का भी विकास कर सकते हैं। समय बदल रहा है जिसका संकेत यह है कि सेल्स पर्सन को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और आज के भीड़ भरे बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए जिम्मेदारी और स्वामित्व लेना होगा।
नववर्ष 2019 के इस जनवरी विशेष अंक को अवश्य पढ़ें क्योंकि इसमें 2018 में प्लाई रिपोर्टर में प्रकाशित साक्षात्कारों से लिए गए ‘हमारे उद्योग के दूरदर्शी उद्यमियों के विचारों’ को प्रस्तुत किया गया हैं। हमारी टीम बीएसएमआर के रिसर्च पर आधारित ‘वुड पैनल सेक्टर में 2019 के लिए संभावनाएं’ पूरे उद्योग और व्यापार के लोगों के लिए इस वर्ष और आगे के लिए भी अपनी रणनीति तय कर योजना बनाने में बड़ी मदद करेगा। साथ ही इस अंक में ड्यूरो इंडस्ट्रीज के एमडी श्री जयदीप चीतलंगिया के साथ एक संक्षिप्त साक्षात्कार, कई महत्वपूर्ण समाचार, उत्पाद लॉन्च, बाजार की रिपोर्ट और कई इवेंट्स भी प्रकाशित की गई है। आप सभी को नव वर्ष 2019 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
राजीव पाराषर
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