रियल एस्टेट सैक्टर में बूम या उछाल का लाभ इससे संबंधित कई उद्योंगो और उद्यमियों को मिलता है, जिसमें देश की वुड पैनल इंडस्ट्री भी प्रमुख रूप से शामिल है। हालांकि, पिछले कुछ समय से रियल एस्टेट में मंदी के कारण वुड पैनल इंडस्ट्री में भी सुस्ती देखी गयी लेकिन अब हालात तेजी से बदल रहे हैं, जिसका वुड पैनल इंडस्ट्री को भी बड़ा फायदा मिलने वाला है। केंद्र सरकार द्वारा नेशनल मिशन फॉर अरबन हाउसिंग के तहत शुरु की गयी ड्रीम योजना “हाऊसिंग फॉर ऑल‘ 2022, अफोर्डबल हाऊसिंग” और 100 स्मार्ट शहर बनाने की परियोजना से वुड पैनल प्रोडक्ट्स की मांग में निश्चित ही तेजी से उछाल आयेगी।
सरकार का उद्देश्य देश के शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ अफोर्डबल होम्स (घरों) का निर्माण करना है। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों को भी जोड़ा गया है, जिसे मिलाकर सरकार 2022 तक लगभग 2 करोड़ घरों का निर्माण करेगी। इस विशाल लक्ष्य को पाने के लिये केंद्र सरकार ने जरूरतमंदों के लिये क्रेडिड लिंक्ड सब्सडी, पब्लिक-प्राईवेट सेक्टर के बीच पार्टनरशिप, व्यक्तिगत तौर पर आवास बनाने वालों के लिये सब्सडी जैसी कई सुविधाएं दी है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा आवासीय निर्माण को चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दी जा रही है। जनवरी-2019 के अंतिम सप्ताह में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) के तहत बड़ी संख्या में आवासीय निर्माण को मंजूरी दी, जिसे मिलाकर अब तक कुल 72.5 लाख शहरी आवासीय निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है। अगले तीन-चार सालों में बड़े पैमाने पर सरकार द्वारा अफोर्डबल हाउसिंग का निर्माण किया जाना
है। सरकार की इस योजना के अलावा निजी क्षेत्र द्वारा भी बड़े स्तर पर आवासीय योजनाएं बनाई जा रही है।
इसके अलावा सरकार द्वारा जीएसटी और रियल एस्टेट एंड रेगुलेशन एक्ट (रेरा) जैसे नये सुधारों के कारण रियल एस्टेट और आवासीय परियोजनाओं में ज्यादा पारदर्शिता और ग्राहकों में सुरक्षा की भावना को जबरदस्त बढ़ावा मिला है। सुरक्षित और पारदर्शी आवासीय योजनाओं के अस्तित्व में आने से रियल्टी बाजार में फिर से सुरक्षित निवेश का चलन कायम होगा, जिससे निजी रियल एस्टेट पर भरोसा बढेगा और सेक्टर को तेजी से गति मिल सकेगी।
यह तथ्यपूर्ण और स्वाभाविक बात है कि इतने बड़े पैमाने पर आवासीय निर्माण और रियल एस्टेट में निर्माण की गतिविधियां बढ़ने के सबसे ज्यादा फायदा वुडेन और इससे संबंधित इंडस्ट्री को ही मिलता है। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि वुड पैनल या वुडन इंडस्ट्री एक मात्र ऐसा क्षेत्र है, जो हाउसिंग डवलेपमेंट के समय से लेकर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी आवासीय जरूरत बनी रहती है। हाल ही में जारी सीएआरई (केयर) रेटिंग रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अगले तीन-चार सालों में अफोर्डबल हाऊसिंग के क्षेत्र में 6-8 बिलियन वर्ग फीट क्षेत्र का विकास होना है। स्वाभाविक है कि अफोर्डबल हाऊसिंग के लिये इसी अनुपात में वुड पैनल की जरूरत भी पड़ेगी, जो कि वुडेन इंडस्ट्री के लिये अच्छे संकेत है।