डोर्स की बढ़ती मांग को स्टैन्डर्डाजेषन की जरूरत

Sunday, 24 March 2019

घर के फर्नीचर के लिए दरवाजे अति महत्वपूर्ण इंटीरियर प्रोडक्ट्स बन गए हैं क्योंकि इंटीरियर डिजाइनर और घर के मालिक दरवाजों के रंग, डिजाइन और बनावट को लेकर अब ज्यादा संजिदा होने लगे हैं, इसलिये दरवाजे ऐसे होने चाहिये जो घर के इंटीरियर एलीमेंट्स के साथ सही तरीके से मैच कर सकें। बाजार में विभिन्न प्रकार के दरवाजों की विशाल रेंज मौजूद हैं, जिसमें लेमीनेटेड डोर्स, मोड्यूल्ड पैनल डोर्स, मैम्बरेन डोर्स आदि के साथ-साथ बहुत सारे कोटिंग्स और पेंट वाले दरवाजे भी डोर्स सरफेस के लिये उपलब्ध हैं। बाजार में लगभग 1000 कंपनियां डोर्स मैन्यूफैक्चरिंग के कार्य से जुड़ी हुई है जो फ्लश डोर्स, डब्ल्यूपीसी /पीवीसी डोर्स, एमडीएफ और एचडीएफ डोर्स, स्टील डोर्स आदि बना रही है लेकिन डोर्स डिमांड में इन्फॉर्मल सेक्टर का वर्चस्व है क्योंकि दरवाजों की बढ़ती मांग के बावजूद इसमें अभी भी स्टैन्डर्डाजेशन का भारी अभाव है।

डोर्स मार्केट में दर्जनों विविधताएं और वैरायटी उपलब्ध हैं क्योंकि आकार और मोटाई के हिसाब से दरवाजों की मांग में भिन्नता होती हैं। डोर साइज की भिन्नता ने संगठित निर्माताओं को दरवाजे के निर्माण व बनावट में निवेश करने के लिए मजबूर किया है, लेकिन यह परिदृश्य पिछले 3 से 4 वर्षों से तेजी बदल गया है। वुड पैनल क्षेत्र से जुड़ी दर्जनों बड़ी कंपनियों ने दरवाजे के क्षेत्र में बहुत सारे फंड का निवेश किया है और कई नए उद्यमी इसमें अब भी नए अवसर की तलाश में जुटे हुए हैं। इसके अलावा ऐसी कई रिपोर्ट्स है जो इस बात की पुष्टि करती है कि दरवाजों का निर्माण करने वाली कई मौजूदा कंपनियां लैमिनेटिंग, कोटिंग, कटिंग, रैपिंग आदि के लिए नई मशीनें स्थापित कर रहे हैं।

कल्पतरु डोर्स, सेंचुरी प्लाई, ग्रीनप्लाई, ग्रीनलैम, कॉर्बेट, टाइमएक्स, स्पेसवुड, भूटानटफ आदि नाम वुड पैनल आधारित दरवाजे बनाने वाली श्रेणियों में औपचारिक ब्रांड हैं। एक्शन टेसा ने हाल ही में एचडीएचएमआर ग्रेड दरवाजे शुरू किए हैं, इन दरवाजों के लिये उनको बाजार से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। दक्षिणी भारत के बाजार में स्थित दरवाजे निर्मित करने वाली कंपनियां जैसे कि गीता डोर्स, एलिगेंट, एडोयर्स, स्टैंडर्ड्स आदि ने डोर मार्केट में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रखी है। हैदराबाद स्थित बाइसन पैनल ग्रुप ने भी दरवाजे के निर्माण में प्रवेश किया है। इन सभी के बावजूद रिपोर्ट्स बताती हैं कि दर्जन भर नई कंपनियां डोर्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं, लेकिन सभी की एक समान चिंता है और वह चिंता है आकार और मोटाई को लेकर डोर्स में स्टैन्डर्डाजेंशन का बड़ा अभाव है। डोर्स मैन्यूफैक्चरिंग में बड़े पैमाने पर निवेश होने और कई कंपनियों के इसमे आने से डोर्स स्टैन्डर्डाजेंशन होना इस सैक्टर और समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

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