फेस विनियर की खरीद की अब कोई चुनौती नहीं है, क्योंकि उद्योग को इंडोनेशिया, चीन, गैबॉन और बर्मा से विभिन्न प्रजातियों का आयातित फेस विनियर पर्याप्त मात्रा में मिल रही हैं। चार साल पहले, भारतीय प्लाइवुड उद्योग लाल दिखने वाले गर्जन के फेस विनियर के लिए म्यांमार पर निर्भर था लेकिन कीमतों के लगातार बढ़ने से बाजार धीरे धीरे दूसरे टिंबर स्पेसीज और माध्यम पर स्थान्तरित हो गया। अब बर्मा के फेस के रेट सुधरने के साथ गर्जन फेस विनियर के सप्लायर एक बार फिर खरीदार मिलने को लेकर आशान्वित है।
प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स ने कन्फर्म किया है कि उन्हें बर्मा से गर्जन फेस सस्ते दामों पर उपलब्ध है, हालाँकि इन्डोनेशियाई फेस विनियर उससे भी 10 से 15 फीसदी सस्ता है। भारतीय ट्रेड सर्किट में 50 डालर तक कीमतों में सुधर देखा जा रहा है, इसलिए फेस विनियर की उपलब्धता मैन्यूफैक्चरर्स के लिए बहुतायत में है। हालाँकि एक तरफ जहां गैबॉन के उत्पादक का कहना है कि ओकूमे लॉग की कीमतें बढ़ रही है इसलिए ओकूमे फेस विनियर की कीमत ज्यादा होगी। म्यांमार स्थित फेस विनियर उत्पादकों का संकेत है कि यदि ऑक्सन में गर्जन टिम्बर की कीमतें घटेगी तो फेस विनियर की कीमतों में और कटौती होंगी।
म्यांमार में गर्जन लॉग्स के नियम-कानून और कीमतों के चलते एक दर्जन से ज्यादा फेस विनियर बनाने वाली इकाइयां बंद हो गई थी, जिनमें ऑर्किड प्लाई, स्वास्तिक, सुदिमा - आलीशान, ऑस्टिन इत्यादि प्रमुख हैं, हालांकि इनमें से कई सिर्फ प्लाइवुड का उत्पादन कर रहे है। गर्जन लाॅग के दाम कम होने का प्रमुख कारण अनेक इंडस्ट्री को इन्वेस्टमेंट के लिए आमंत्रित करने के बावजूद सरकर द्वारा उपलब्धता और सप्लाई की लगातार कमी बताई गई।
हाल ही में म्यांमार के टिम्बर इंडस्ट्री में हुए बदलाव यह संकेत दे रहा है कि इस वर्ष एमटीइ ऑक्शन के बाद उद्योग को फ्रेश लॉग मिल सकेंगी क्योंकि बहुत अधिक सम्भावना है कि लॉग सस्ते कीमत पर नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे। यही कारण है कि कई उद्योग जो चालू स्थिति में हैं, वे 20 से 30 फीसदी तक कम कीमतें आॅफर कर रहीं हैं। म्यांमार के सप्लायर विभिन्न ग्रेड के गर्जन फेस विनियर की उचित सस्ती कीमत का हवाला देना शुरू कर दिया है जिसके चलते पिछले प्राइस बेंचमार्क से दो महीने से कम समय में 15 फीसदी तक कीमतों में सुधार आया है।