केरल, कर्नाटक, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर स्थित प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशंस ने कोविड19 के बाद मूल्य वृद्धि व अन्य व्यवसायिक मुद्दों पर चर्चा की
दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, केरल और कर्नाटक स्थित प्लाइवुड निर्माताओं के संघों ने अपने संबंधित अधिकारियों और सदस्यों के साथ कोविड 19 के परिदृश्य पर अलग-अलग ऑनलाइन बैठकें की। संघ के सदस्यों ने सामूहिक रूप से प्लाईवुड, ब्लॉक बोर्ड और अन्य लकड़ी आधारित सामग्री पर 10 फीसदी तक मूल्य वृद्धि का फैसला किया, और इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया।
दिल्ली- एनसीआर प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ने बाजार में मेटेरियल, लेबर और नकदी की तरलता के मुद्दों पर चर्चा करने के बाद कीमत में 10 फीसदी की वृद्धि करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि प्लाइवुड उद्योग श्रम आधारित है और इस कठिन समय में मालिकों को बिना काम के अपने श्रमिकों को भोजन, आश्रय, वेतन/मजदूरी का प्रबंधन करना पड़ रहा है, जिसके कारण इनपुट कॉस्ट में वृद्धि हुई है। जारी पत्र में, उन्होंने सदस्यों को यह भी निर्देशित किया कि वे स्थानीय प्राधिकरण से एनओसी लेने के बाद गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार अपना काम शुरू कर सकते हैं।
कर्नाटक प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सूचित किया कि बैंक के बढ़ती ब्याज दर लॉकडाउन के दौरान भी जारी रहने के कारण, उद्योग 50 फीसदी से अधिक क्षमता पर आगे काम नहीं कऱ पाएगा, क्योंकि वर्किंग कैपिटल, कच्चे माल और मजदूरों की भी कमी है, इसलिए ओवरहेड कॉस्ट काफी बढ़ जाएगी। कारखानों को कैश फ्लो की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए एसोसिएशन ने तत्काल प्रभाव से प्लाइवुड, ब्लॉक बोर्ड, फ्लश डोर आदि की कीमत में 7 फीसदी की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। डीलरों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे पुराने बकाया का तुरंत भुगतान करें और सभी लेनदेन 100 फीसदी एडवांस या तत्काल भुगतान के साथ होने चाहिए।
आॅल केरला प्लाई बोर्ड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन और पंजाब प्लाइवुड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ने भी कीमतों में क्रमशः 5 फीसदी और 7 फीसदी की वृद्धि करने का एलान किया है और उद्योग के समक्ष उत्पन्न कठिनाइयों पर चर्चा करने के बाद 100 फीसदी एडवांस और नकद में बिक्री करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि डॉलर की कीमतों में वृद्धि ने फेस विनियर, फॉर्माल्डिहाइड, रेजिन आदि जैसे कच्चे माल की लागत को प्रभावित किया है, आपूर्ति श्रृंखला सुचारू रूप से नहीं चल रही है, लकड़ी की कीमत भी बढ़ रही है और ऐसे संकट के समय में सरकार से उद्योग को कोई मदद भी नहीं है।