भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि टिम्बर आयात पर आयात शुल्क खत्म कर देना चाहिए, जिससे टिम्बर का आयात सरल हो जाएगा। सस्ता टिम्बर भारत में अच्छी मात्रा में उपलब्ध होगा, जिससे भारत के फर्नीचर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने एक वेबिनार में अपनी राय रखते हुए कहा कि उन्होंने टिम्बर आयात को सहज बनाने के लिए सरकार के संबंधित मंत्रालय को अपना सुझाव भेजा है।
पीयूष गोयल ने बताया कि फर्नीचर का वर्तमान वैश्विक व्यापार लगभग 20-22 लाख करोड़ रुपये का है और भारत की मौजूदगी इसमें नगण्य हैं, इसके विपरित हम फर्नीचर आयात करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुशल कारीगरों और लोगों की अच्छी संख्या है, जिनका भरपूर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार पोर्ट के पास एक फर्नीचर क्लस्टर बनाने की दिशा में काम कर रही है, जहाँ फर्नीचर उद्योग और इसके आंतरिक व्यापार के साथ साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान, परीक्षण, डिजाइन और पैकेजिंग के लिए सामान्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी। इस क्षेत्र के विकसित होने से न केवल स्थानीय खपत को पूरा किया जा सकता है बल्कि वैश्विक मांग को भी पूरा किया जा सकता है। साथ ही लाखों लोगों को रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
श्री गोयल ने कहा कि टिम्बर आयात पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए, क्योंकि भारत में लकड़ी पर्याप्त नहीं है। गौरतलब है कि भारत में लाॅग्स के आयात पर फिलहाल आयात शुक्ल 5 फीसदी है, जबकि साॅ टिम्बर पर 10.5 फीसदी। कांडला टिम्बर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री नवनीत गज्जर ने बताया कि लाॅग के आयात पर ड्यूटी शुन्य और साॅ टिम्बर पर घटकर 5 फीसदी होना चाहिए, साथ आयातित टिम्बर पर जीएसटी 18 से घटकर 5 फीसदी होना चाहिए। केटीए ने सरकार से कई बार यह मांग रखी है।