प्लाई रिपोर्टर द्वारा लेमिनेट बाजार के सर्वे में पाया गया है कि कम थिकनेस वाले डेकोरेटिव लेमिनेट् सेगमेंट का भविष्य फिर से काफी तेजी पकड़ने वाली है क्योंकि कम थिकनेस का बाजार ऐसा प्रतीत होता दिख रहा है और अगले छह महीने में 0.92 सेगमेंट में 40 नए कैटलॉग आने वाला है। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि छोटे और मध्यम क्षमता वाले लेमिनेट्स उत्पादक इन इकोनॉमिकल ग्रेड लेमिनेट को लाने की तैयारी कर रहे हैं ताकि 1 मिमी के लेमिनेट् बाजार की हिस्सेदारी कम मेहनत में हासिल की जा सके। उद्योग को लगता है कि यह इकोनॉमिकल रेंज के लेमिनेट कोविड के बाद के इस कठिन समय के साथ-साथ ओवरसप्लाई से भी निपटने में सहायक होंगे।
बाजार से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इनमें से अधिकांश 0.92 मिमी कैटलॉग उत्तर भारत स्थित कारखानों से आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि 25 नए 0.92 मिमी कैटलॉग उत्तर भारत में लॉच होने वाले हैं, जबकि बाकी गुजरात और अन्य स्थानों में लांच किये जाएंगे। हालाँकि गुजरात स्थित कुछ फैक्ट्री उत्तर भारत की मांग को पूरा करने के लिए 0.8 मिमी के लेमिनेट पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, और कोविड के बाद 0.8 मिमी के एक दर्जन कैटलॉग लांच हो रहे हैं।
बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि लेमिनेट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और अधिक प्रेस लगाकर अपनी क्षमता का विस्तार कर रही हैं, लेकिन वे उससे सम्बंधित बिक्री की भी तलाश में हैं, जो उन्हें लगता है कि वे इकोनॉमिकल ऑफरिंग के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ वितरक और सप्लायर भी उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, इसलिए वे लाभ हानि के अर्थशास्त्र की गणना कर इस दौड़ मंे शामिल हो गए हैं। हालांकि अच्छे वितरक इन इकॉनॉमिकल लेमिनेट रेंज के पक्ष में नहीं हैं, और उनका कहना है कि यह आगे चलकर व्यापार कोनुकसान पहुंचाएगा।