आत्मनिर्भर भरत की पहल और बढ़ते उत्साह से भारतीय फर्नीचर निर्माताओं को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है। घरेलू रेडीमेड फर्नीचर की बढ़ती मांग पार्टिकल बोर्ड्स और एमडीएफ की खपत बढ़ा दी है, प्लाई रिपोर्टर द्वारा जून 2020 के बाद देश के सभी पार्टिकल बोर्ड और एमडीएफ मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से प्राप्त आंकड़ों में यह बखूबी परिलक्षितहोता है।
खबर है कि सभी यूनिट पूरे क्षमता से चल रही हैं, क्योंकि उनके पास डेढ़ महीने से ज्यादा का पेंडिंग आर्डर हैं। मांगबढ़ने से निर्माता आगे विस्तार और नई यूनिट स्थापित करने के लिए उत्साहित है, हालांकि यह केवल उन लोगों पर लागू होता है, जो कोविड से पहले भी इसकी योजना बना रहे थे। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय प्लांट में 2022 तक लगभग 2800 सीबीएम क्षमता बढ़ जाएगी। सूत्रों से पता चला कि एक्शन टेसा, सेंचुरी जैसे दिग्गज कंपनियां क्षमता विस्तार करने जा रही हैं। उत्तर व् दक्षिण में भी अन्य मध्यम आकार के प्लांट और प्लेयर अपना इस क्षमता विस्तार का हिस्सा बनने जो रहे हंै।
कोविड के बाद पार्टिकल बोर्ड सेगमेंट भी पूरी क्षमता पर चल रहा है और उभरते फर्नीचर निर्माताओ के डिमांड आने वाले वर्ष में भी और क्षमता संवर्धन का संकेत हैं। 2021 के दौरान औसतन लगभग 250 घन मीटर प्रति दिन की क्षमता वाली 6 मध्यम साइज की लाइनें पहले से जुड़ने वाली है। इसके अलावा, 3 बड़े प्लेयर भी 400 से अधिक क्यूबिक मीटर प्रति दिन की क्षमता के साथ पार्टिकल बोर्ड मैन्युफैक्चरिंग में आने की योजना बना रहे हैं।
रिपोर्ट इस तथ्य को प्रमाणित करती है कि रेडिमेड और होम फर्नीचर के बढ़ते डिमांड के चलते पार्टिकल बोर्ड मैन्युफैक्चरर्स के पास फर्नीचर मेकर्स और रिटेल सेक्टर से बहुत सारे ऑर्डर हैं। बाजार का कहना है कि मशीन आधारित फर्नीचर का काम तेजी से चल रहा है क्योंकि लोग जल्द सप्लाई चाहते हैं, और वे घर पर कारपेंटर से काम नहीं कराना चाहतंे। चीन, मलेशिया से रेडीमेड फर्नीचर के कम आयात ने भी घरेलू फर्नीचर उत्पादकों की मदद की है, जिससे एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड ग्रोथ का कारण माना जा रहा है।
प्लाई रिपोर्टर के अनुसार, पिछले पांच वर्षों के दौरान डिमांड पैटर्न स्पष्ट रूप से 17 से 22 फीसदी के आसपास रही है। ग्रोथ एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड दोनों में है, वहीं मैन्युफैक्चरर्स अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर रहे हैं। प्लाई रिपोर्टर के ताजा बाजार रुझान के अनुसार, एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड दोनों में ही 13 से 16 फीसदी की डिमांड बढ़ी है। भारत में पहले से स्थापित क्षमता के उपयोग के आधार पर काफी हद तक ग्रोथ बढ़ा है। अब तक, अधिकांश कंपनियों ने कोविड के पहले की अपनी क्षमता को पुनः प्राप्त कर लिया है, और कुछ कंपनियां तो अपने जनवरी-फरवरी के उत्पादन से भी ज्यादा पर हैं।
प्लाई रिपोर्टर के अध्ययन के अनुसार हाई डेंसिटी मॉइस्चर रजिस्टेंस एमडीएफ बोर्ड की मांग बढ़ी है, इसलिए कोविड से प्रभावित होने के बाबजूद 15 से 18 फीसदी की वृद्धि के साथ एमडीएफ में हर कंपनी को फायदा हुआ है। एमडीएफ में प्री-लैमिनेटेड बोर्ड की मांग फर्नीचर और किचन सेगमेंट में भी बढ़ी है।