कोर विनियर हुआ महंगा, किसान आंदोलन के चलते बढ़ी अनिश्चितता

Monday, 28 December 2020

इस साल अक्टूबर के बाद लकड़ी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे प्लाइवुड, डोर और ब्लॉक बोर्ड के लिए कच्चे माल के इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी हुई है। समाचार लिखने तक पिछले एक महीने में फ्रेम और कोर विनियर की कीमतों में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। तापमान में गिरावट के साथ पोपलर की कीमतें 650 रूपए से 800 रूपए प्रति क्विंटल से ज्यादा हो गई हैं।

अगस्त के बाद से पोपलर और सफेदा की कीमतें बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों के अनुसार धीरे-धीरे लगभग 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई। कोर की कीमतों में विभिन्न थिकनेस और ग्रेड के अनुसार इनपुट कॉस्ट 15 से 20 पैसे प्रति वर्ग फीट बढ़ गया है।

किसान आंदोलन और सड़क पर आवाजाही में परेशानी से कीमतों में और वृद्धि होने की आशंका है। ठंड के मौसम में सामान्य तौर पर वाष्पीकरण कम हो जाता है, जिसके चलते नमी बढ़ जाती है, जिससे लकड़ी का वजन बढ़ जाता है। नमी की वजह से पीलिंग यूनिट में प्रोसेसिंग कॉस्ट बढ़ता है, जिससे इन कच्चे माल की कीमतों में भी उछाल आता है। रामपुर और हापुड़ क्षेत्र में फ्रेम और प्लैंक की कीमत में भी वृद्धि देखी गई है, इसलिए ब्लॉक बोर्ड और फ्लश डोर का भी इनपुट कॉस्ट बढ़ गया है।

कोर और पैनल की कीमतों में वृद्धि से उत्पादकों पर कीमतें बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। अब तक, असंगठित प्लाइवुड और डोर सेक्टर ने पूरे उत्पाद रेंज पर ५ फीसदी कीमत बढ़ाने की घोषणा की और लागू भी की है, जहाँ संगठित प्लाइवुड सेक्टर ने कीमतों में 2 से ३ फीसदी की वृद्धि की है। कोर विनियर की कीमतें बढ़ने से अगले 2 से 3 महीनों में निश्चित रूप से फर्नीचर की कीमतें बढ़ने वाली हैं।

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