कंस्ट्रक्शन और फर्नीचर उद्योग के लिए लकड़ी आवश्यक प्राथमिक सामग्रियों में से एक है। बढ़ती रियल एस्टेट और हाऊसिंग सेक्टर के चलते लकड़ी की मांग और आपूर्ति के अंतर के कारण कमी पैदा हो गई है। आर्किटेक्ट लकड़ी के अधिक उपयोग करने की प्राथमिकता/सुझाव देते हैं, जिसके चलते भारत में लकड़ी की मांग बढ़ सकता है और वर्तमान आपूर्ति के अनुसार इसके हर साल 10 फीसदी से अधिक तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। एक प्रमाणित लकड़ी इस कमी को भरने का काम कर रहा है और आगे भी करेगा, इसलिए इसकी मांग कई व्यवसाय में लंबे समय तक बने रहने के साथ साथ उद्योगों को मदद करने जा रही है।
हालांकि, वित्त वर्ष 19-20 में भारत में सॉफ्टवुड का आयात प्रमुख रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, उरुग्वे और कनाडा के बाद न्यूजीलैंड से हुआ था। अब फिनलैंड सॉ मिलें टिकाऊ और कम कार्बन फुटप्रिंट के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता हो सकती हैं, जो टिकाऊ और सस्टेनबल रिसोर्सेस से हासिल की जाती है। दो प्रजातियां स्प्रूस (540 से 560 किलोग्राम/घनमीटर के घनत्व वाली सफेद लकड़ी) और पाइन (500 से 550 किलोग्राम/ घनमीटर के घनत्व वाली लाल लकड़ी) फिनलैंड से निर्यात की जाती है।
बैंगलोर स्थित टोटल एनवायरमेंट बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट श्री अबरार अहमद कहते हैं कि सर्टिफाइड वुड का आयात 2017-18 में दोगुने से अधिक बढ़कर 23000 घनमीटर से 52000 घनमीटर हो गया। सर्टिफाइड हार्ड वुड की उपलब्धता कम है, इसलिए फर्नीचर और किचेन मैन्युफैक्चरिंग के लिए सॉफ्टवुड का आयात काफी तेजी से बढ़ रहा हैं। फर्नीचर उद्योग समय के साथ व्यवस्थित हो रहा है, इसलिए निश्चित रूप से ग्रोथ के साथ सर्टिफाइड वुड की मांग बढ़ रही है। यह फिनलैंड के सॉ मिलर्स के लिए अच्छा स्कोप होगा।
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टाइबर मर्चेंट सॉ मिलर्स एंड एलाइड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री नवल केडिया ने कहा कि हमें अच्छे टिम्बर की जरूरत है जैसा कि भारत में केवल यूपी, त्रिपुरा और गुजरात में एफएससी प्रमाणित लकड़ी की उपलब्धता है, इसलिए कई ग्राहक फिनलैंड की ओर देख रहे हैं, लेकिन इसके लिए कीमत प्रतिस्पर्धी होनी चाहिए। पैलेट्स के लिए लॉग और कस्टम साइज सॉ वुड की बढ़ती मांग के चलते भारत में विशाल बाजार है। हर साल आयात 15 फीसदी बढ़ने की संभावना है। भारत में विभिन्न उद्योगों में लकड़ी के बढ़ते उपयोग के साथ साथ एक विकासशील देश है, लेकिन यहां सीजनिंग प्लांट का पर्याप्त अभाव है। फिनलैंड में तीन चैथाई भूमि जंगल है, जिसका उपयोग सस्टैनबल तरीके से किया जा सकता है। यहां पैलेट्स के लिए ग्रेड 2 और 3 (केडी) में कस्टमाइज सॉ वुड है, जिसकी भारत में काफी मांग है। फिनलैंड में लम्बर और लॉग्स की उत्कृष्ट गुणवत्ता है, जिसके लिए भारत में इसका एक विशाल बाजार है।