कच्चे माल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण, गुजरात स्थित डेकोरेटिव लेमिनेट उत्पादकों ने 8 से 15 जनवरी 2021 तक एक सप्ताह के लिए अपने उत्पादन को बंद रखा है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, मोरबी, राजकोट, मेहसाणा, हिम्मतनगर, कलोल, अहमदाबाद में स्थित 55 लेमिनेट बनाने वाली इकाइयों के लैमिनेट मैनुफैक्चरर्स ने सामूहिक रूप से बंद के सर्मथन में अपनी यूनिट में उत्पादन नहीं किया। इंडियन लेमिनेट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इल्मा) के अध्यक्ष श्री विकास अग्रवाल ने कहा कि गुजरात में लगभग 55 इकाइयों ने 8 जनवरी से स्वैच्छिक रूप से अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है। यह उनका अपना व्यक्तिगत फैसला हैं। हमने उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं किया है। हमने सिर्फ रास्ता निकालने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा कि यदि मैन्युफैक्चरिंग संभव नहीं है, तो हमें उत्पादन बंद कर देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि हम कच्चे माल की इतनी ऊंची कीमत पर बेचने में असमर्थ हैं, जैसे ‘बी‘ ग्रेड क्राफ्ट पेपर बढ़कर 33-34 रुपये, मेलामाइन 115 रुपये पर है। निर्माता मेलामाइन 90 रुपये में बेच रहे हैं, लेकिन डीलर लोग अधिक कीमत वसूली कर व्यापार को मोबलाइज कर रहे हैं। जीएसएफसी सरकारी निकाय है, उन्हें मुद्दों में हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि सरकार एमएसएमई को सपोर्ट करना चाहती है।
श्री विकास ने बताया कि इतनी अधिक लागत पर मैन्युफैक्चरिंग संभव नहीं है। मैन्युफैक्चरर्स चिंताजनक स्थिति में हैं और कुछ चुनिंदा आपूर्तिकर्ताओंद्वारा कारटेल बनाकार रेट का बढ़ाया है, और इसी के खिलाफ लेमिनेट उत्पादकों ने अपना ऑपरेशन बंद करने का फैसला किया हैं। हालांकि, बंदी के चलते ओवरहेड कॉस्ट, जैसे कि लेवर, बिजली, ब्याज, संचालन, लॉजिस्टिक और अन्य के चलते उद्योग को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है।
प्लाई रिपोर्टर संवाददाता ने इस मुद्दे पर मोरबी, राजकोट, अहमदाबाद के दर्जनों उत्पादकों से बात की है, उन्होंने सप्लायर को कार्टेल बनाने के लिए दोषी ठहराया, और कहा कि कच्चे माल की कीमत में वृद्धि वास्तविक नहीं है। उनका कहना है कि बंद के माध्यम से इस तरह के बुरे व्यवहार के खिलाफ विरोध का आह्वान किया गया है, हालांकि बंद करके वे अपना बड़ा नुकसान कर रहे हैं।