वर्ष 2021 में हर महीने कीमतों में वृद्धि के संकेत है। पिछले साल सितंबर के बाद टिम्बर, प्लैंक, इम्पोर्टेड वुड और वुड लॉप-टॉप की मांग लगातार बनी हुई है, लेकिन सप्लाई की दिक्क्तें बढ़ गई है। आने वाले महीनों में भी सप्लाई बाधित रहने के आसार है और पूरे साल कोई राहत के आसार नहीं लग रहे है। पोपलर में टिम्बर की उपलब्धता कम है इसलिए हरेक गुजरते महीने के साथ सफेदा और पोपलर की कीमतों के बीच का अंतर भी कम होने की सम्भावना है। मध्य उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में सफेदा की लकड़ी की कीमतें इस साल के अंत तक 75 से 100 रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। पैनल मैन्युफैक्चरर्स से बढ़ती मांग के साथ, लकड़ी की कीमतें पूरे 2021 में बढ़ने की सम्भावना हैं।
मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि मॉइस्चर और उपलब्धता की कमी के चलते नए साल में, जनवरी के बाद पोपलर लॉग की कीमतें भी एक बार और 10 से 15 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। पोपलर प्लांटेशन की नई फसल 2022 के मध्य तक कारखानों तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है, इसलिए ऊंचे गर्थ वाले पुराने प्लांटेशन लॉग की कीमतें पूरे साल 850 से 900 रूपए से ऊपर रहने की उम्मीद है। पार्टिकल बोर्ड और एमडीएफ प्लाट की संख्यां बढ़ने से लकड़ी की बढ़ती मांग के वजह से सप्लाई की दिक्क्तेंरहेगी, लेकिन यह किसानों को और अधिक प्लांटेशन के लिए समान रूप से प्रेरित करेगा।
जैसा कि देखा जा रहा है, आने वाले महीनों में कोर विनियर की कीमतें बढ़ती रहेंगी और अगले महीने 20 से 25 पैसे बढ़ने का अनुमान है। विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगों का कहना है कि वर्तमान वर्ष में आपूर्ति में कमी बनी रहेगी, जिसके चलते निश्चित रूप से पिछले दो वर्षों की तुलना में पैनल उत्पाद की कीमतें अधिक रहेगी। गौरतलब है कि प्रत्येक पैनल उत्पाद की कीमत बढ़ गई हैं और आगे भी बढ़ती रहेगी।