वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए पूंजीगत खर्च 4.12 लाख करोड़ से 34.5 फीसदी बढाकर 2021-22 में 5.54 लाख करोड़ करने की घोषणा की है। विशेषज्ञों का मानना है कि पूँजीगत खर्च योजना से इकोनॉमिक कॉरिडोर, हाईवे, और रेलवे प्रोजेक्ट, पोर्ट और ऊर्जा के क्षेत्र में संपत्ति तैयार होगी, जिससे उद्योग का विकास होगा और काफी रोजगार पैदा होंगे। इनमें सबसे ज्यादा बजट निर्धारण सड़क और परिवहन मंत्रालय के लिए किया गया है।
सरकार पहले ही 111 लाख करोड़ का नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) की घोषणा कर चुकी है, जिसमें निवेश की जरूरत पड़ेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘‘इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) जिसकी घोषणा मैंने दिसंबर 2019 में ही की थी भारत सरकार की अबतक की अपने तरह का पहला और सबसे महत्वकंछी योजना है। एनआईपी 6,835 प्रोजेक्ट के साथ लांच की गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 7,400 प्रोजेक्ट कर दी गई है। इनमें कुछ विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत महत्वपूर्णसंरचनाओं के लिए 1.10 लाख करोड़ राशि के साथ 217 प्रोजेक्ट पूरे किये जा चुके हैं।‘‘
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए तीन ठोस कदम उठाये गए हैं - संस्थागत संरचनाओं के निर्माण के द्वारा, परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण पर एक बड़ा जोर देकर, और केंद्र व राज्य के बजट में पूंजीगत व्यय का हिस्सा बढ़ाकर। उन्होंने आगे कहा कि सरकार एनआईपी के विशिष्ट लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसके लिए सरकार और वित्तीय क्षेत्र दोनों से वित्त पोषण की बड़ी आवश्यकता होगी।
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए, सीतारमण ने इनइंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए एक प्रोफेसनली मैनेज्ड डेवलपमेंट फाइनेन्सियल इंस्टीटूशन (डीएफआई) बनाने का प्रस्ताव रखा। इनमें सड़क की बुनियादी ढांचे और आर्थिक गलियारों (जैसे 1,13 लाख करोड़ रुपये केनिवेश के साथ तमिलनाडु में 3,500 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), 65,000 करोड़ रुपये का निवेश के साथ केरल में 1,100 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 25,000 करोड़ रुपये केनिवेश के साथ पश्चिम बंगाल में 675 किमी राजमार्ग का काम, 34,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ असम में 1,300 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य इत्यादि) शामिल हैं। बजट पर अपनी राय देते हुए, नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट कॉउन्सिल के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट जैसे बंदरगाहों, रेलवे, हवाई अड्डों, वेयरहाउसिंग, गैस पाइपलाइन, मेट्रो और आर्थिक गलियारों के विकास पर उद्योग ने काफी प्रशंसा की और इसका स्वागत किया क्योंकि यह रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आवश्यक निवेश आकर्षित करेगा।
अशोक लीलैंड के एमडी और सीईओ विपिन सोंधी ने कहा कि यह कमर्शियल व्हीकल सेक्टर की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करेगा। सबसे पहले, 8,500 किलोमीटर राजमार्ग और आर्थिक गलियारा का निर्माण सड़क परिवहन को गति प्रदान करेगी। दूसरे, पीपीपी मॉडल के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की योजना, जिसके अंतर्गत 20,000 नई बसों को शामिल करने से सार्वजनिक परिवहन और कुशल, बढ़िया और भीड़ भाड़ को कम करने में सहायक होगी। तीसरे, व्यक्तिगत वाहनों के लिए 20 साल और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15 साल के लिए एक स्वैच्छिक स्क्रैपअप नीति लागू करने का आश्वासन सकारात्मक है। यह पर्यावरण के लिए अच्छा है और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी।
एआईपीएमए के चेयरमैन, नरेश तिवारीः कोविड महामारी के गहरे संकट के बाद इतना अच्छा बजट आएगा, इसकी उम्मीद नहीं थी। बुनियादी ढांचे के विकास पर काफी ध्यान दिया गया है। कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के बढ़ने से हमारे उद्योग को भी फायदा होगा। शटरिंग प्लाइवुड की मांग बढ़ेगी। यह प्लाइवुड, पैनल और फर्नीचर उद्योग के लिए अच्छा बजट है। हमने सरकार को लिखा था कि अगर कृषि और पैनल उद्योग को विकसित करना है तो हमें निर्यात पर ध्यान देना होगा, लेकिन इस बजट में ऐसी कोई पहल नहीं की गई है। मुझे उम्मीद है कि अगले साल निश्चित रूप से इसका ध्यान रखा जाएगा। आयात पर सीमा शुल्क की वृद्धि घरेलू उद्योग के लिए फायदेमंद होगी। ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा दिया गया है, जो वुड पैनल इंडस्ट्री की मांग को बढ़ने में सहायक होगा। मैं इंडस्ट्री प्लेयर्स से कहना चाहूंगा कि वे ऐसी गुणवत्ता पर ध्यान दें जो हमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ले जा सके।
जेके बिहानी, प्रेसिडंेट, एचपीएमएः सरकार के पास उपलब्ध संसाधनों के साथ, यह पिछले साल की तुलना में पूंजीगत व्यय में काफी बड़ी वृद्धि कर एक मजबूत और विकास उन्मुख बजट पेश किया गया है। कराधान में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जबकिकोविड उपकर या कॉर्पोरेट कर में वृद्धि की उम्मीद की जा रही थी। यह पूरे देश के लिए फायदेमंद होगा, जिसमें वुड पैनल उद्योग भी लाभान्वित होगा। अफोर्डेबल हाउस स्कीम को एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया है, इससे प्लाइवुड उद्योग के विकासको भी लाभ मिलेगा। बुनियादी ढांचे के विकास पर फोकस रखा गया है, इसे क्वान्टीफाई करना मुश्किल है, लेकिन निश्चित रूप से यह भारतीय अर्थव्यवस्था में पेण्टआप डिमांड को संतुलित करते हुए अपेक्षित ’ट’ शेप की रिकवरी के साथ अच्छा होगा। एम एम मुजीब रहमान, प्रेसिडेंट, सोपमाः विशेष रूप से प्लाइवुड और पैनल उद्योग के लिए बजट में कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन एमएसएमई के लिए कुछ अच्छा है जिससे हमें भी फायदा होगा। बुनियादी ढांचे और रेलवे पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है। यह उद्योग के विकास के लिए बेसिक चीज है,इसलिए बजट अच्छा है। यह एमएसएमई के बजाए कॉरपोरेट सेक्टर को काफी फायदा पहुंचाएगा।