रेडीमेड फर्नीचर के बढ़ते चलन से भारतीय बाजार में पीवीसी एज बैंड टेप की मांग को मदद मिल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कई राज्यों में कोविड के बढ़ते मामले और फिर लॉकडाउन लगने के बावजूद अप्रैल में पीवीसी एज बैंड की\ मांग बरकरार रही। पीवीसी एज बैंड टेप उद्योग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उनके पास अप्रैल में अच्छे आर्डर थे, क्योंकि लॉकडाउन के कारण फर्नीचर बनाने वाली इकाइयाँ बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुई थीं। रेहाउ इंडिया के निदेशक श्री मनीष अरोड़ा का कहना है कि एज बैंड की मांग अभी भी बनी हुई है, ऑर्डर स्थिर हैं, लेकिन पूरे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगने के कारण डिलीवरी प्रभावित हुई हैं। लोगों में भय है और मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है जो आर्डर की सप्लाई में बड़ी रूकावट है।
ई3 ग्रुप के निदेशक श्री जय गर्ग का मानना है कि अप्रैल में मांग अच्छी थी। हमें इतने ऑर्डर की उम्मीद नहीं थी। मई में, कोविड का खतरा बढ़ने के साथ मांग घट गई है। वह आगे कहते हैं कि अप्रैल में कई जगहों पर लॉकडाउन नहीं था। पिछले महीने उत्तर और दक्षिण भारत का बाजार अधिकांश दिनों तक खुले थे। मांग अच्छी थी। एक और बात थी कि गुजरात और महाराष्ट्र में लॉकडाउन होने के कारण वहां के कई एज बैंड की फैक्ट्रियां नहीं चल रहे थे। इसकी वजह से जो चल रहे थे, उनके पास अधिक ऑर्डर थे। इस मई महीने में दक्षिण और उत्तर के अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन है, इसलिए मांग और उत्पादन दोनों कम हैं। लेकिन लॉकडाउन खत्म हो जाने के बाद, मांग बहुत अच्छी होगी।
स्क्वायर वन के निदेशक श्री अक्षत अग्रवाल कहते हैं कि पीवीसी एज बैंड मार्केट पर लॉकडाउन का बड़ा असर पड़ा है। डिस्ट्रीब्यूटर और डीलरों से उनके पहले के आर्डर के मुकाबले 10 फीसदी तक गिरावट है और ओईएम के यहां से 33 फीसदी तक कम है। कुल मिलाकर डिमांड में 25 फीसदी तक की गिरावट है। बस इतना ही काफी है कि हम अपनी फैक्टरी चालू रख सकें ताकि हम अपने लेवर और ऑफिस स्टाफ को पूरा वेतन दे सकें। वो आगे कहते हैं कि ऐसे समय में जब हर किसी को अपनी जान बचानी सर्वोपरि है, वैसे में नए फर्नीचर के बारे में सोचने का समय किसी के पास नहीं है। पिछले साल का लॉकडाउन अलग था, जब लोग अपने घरों में बैठे थे और सोच रहे थे कि घर से काम करने के अनुभव को कैसे बेहतर बना सकते हैं। इसके लिए नए फर्नीचर खरीदना भी शामिल था। हम भविष्य में बेहतर समय की उम्मीद करते हैं लेकिन इस समय हम सिर्फ अपनी फैक्ट्री चला कर ही खुश हैं ताकि हम अपने खर्चे कवर कर सकें।
ज्ञातव्य है कि फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के पास बहुत सारे ऑर्डर लंबित हैं। इस लॉकडाउन के दौरान, सरकार ने कई राज्यों में फैक्ट्रियां चलने की अनुमति दी है, जो एज बैंड टेप के डिमांड में सहयोग कर रहा है। श्री जय गर्ग का कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन के बाद जब हमने उत्पादन शुरू किया तो डिमांड बहुत ज्यादा थी और जैसे-जैसे महीने बीतते गए मांग बढ़ती गई। ई3 में, हमने एक बार फिर ग्रोथ देखा, क्योंकि हमने जनवरी में प्रति दिन एक लाख मीटर का कैपेसिटी ऐडिशन किया था। लेकिन पिछले साल, कच्चे माल की कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं, जो बहुत परेशान करने वाली थीं। यह साल भी लॉकडाउन है। मैं सभी के अच्छे स्वास्थ्य और कोविड से सुरक्षा की कामना करता हूं। हम सभी पिछले साल की तरह ही लॉकडाउन के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई कर लेंगे।
दूसरी ओर, रेहाउ इंडिया ने 2019 की तुलना में 2020 के बाजार में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। श्री अरोड़ा कहते है कि कुल मिलाकर यह ठीक था, लेकिन लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण रोज काम की प्रगति के लिमिटेशन के कारण ऑर्डर की डिलीवर में दिक्कते आ रही थी। पिछले साल हमने मई में 30 फीसदी और जून में 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की। श्री अक्षित अग्रवाल कहते हैं कि पिछले साल, लॉकडाउन के बावजूद, हमनें वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। बाजार साल दर साल विस्फोटक तरीके से बढ़ रहा है और यह स्पष्ट है कि सभी कंपनियों के पास काम है। हमारे साथ सभी एज बैंड कंपनियों ने 20-21 में रिकॉर्ड प्रॉफिट दर्ज की और वे 21-22 में इससे भीआगे जाने की उम्मीद कर रही थीं।
लगभग 40 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के साथ, पीवीसी एज बैंड टेप इंडस्ट्री में पिछले 5 वर्षों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है, और यह हर साल 20 फीसदी से अधिक सीएजीआर से बढ़ रही है। कोविड महामारी के बाद, रेडीमेड फर्नीचर की बढ़ती मांग और बढ़ते आयातित फर्नीचर बाजार के चलते 2020 में और अधिक क्षमता वृद्धि तथा 2021 में इसके विस्तार योजना के साथ इस उत्पाद की मांग में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। लेमिनेट ब्रांड मेरिनो ने हाल ही में इस उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग में प्रवेश किया है। इसके अलावा कई और लेमिनेट बनाने वाली कंपनियां अगले कुछ वर्षों में इस उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए तैयार हैं।