कोविड की दूसरी लहर से पार्टिकल बोर्ड सेक्टर के मार्जिन पर दबाव

person access_time3 02 July 2021

कोविड की दूसरी लहर ने कथित तौर पर ऑफिस फर्नीचर सेगमेंट को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसने निश्चित रूप से घरेलू पार्टिकल बोर्ड के कारोबार पर असर डाला है क्योंकि नए ऑर्डर हासिल करने के लिए उत्पादकों को कीमतें कम करने को मजबूर होना पड़ा है। मई-जून के सेल्स रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग के सूत्रों का कहना है कि कीमतें पहले ही गिर रही थीं, जबकि लकड़ी और केमिकल की कीमतें मई-जून में ऊपर उठ रही थीं।

गुजरात स्थित पार्टिकल बोर्ड उत्पादकों का कहना है कि उनकेकच्चे माल जैसे लकड़ी, फार्मेल्डिहाइड की कीमतें जून के शुरुआत  से ही बढ़ रहे है जिससे उत्पादकों के इनपुट कॉस्ट में वृद्धि हुई है, लेकिन बाजार से कम मांग के कारण प्री-लैम बोर्ड की कीमतें मामूली रूप से ही नीचे गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग के पास तैयार मेटेरियल का एक बड़ा भंडार है क्योंकि उन्होंने बाजार में लॉकडाउन के दौरान भी अपने प्लांट चालू रखा था। उनका मानना था कि कोविड की चुनौती के बावजूद बाजार खुलने के बाद डिमांड अच्छी आएगी, लेकिन स्थिति विपरीत है, जो शुरू में उनके लिए चुनौती साबित हो रही है, जिससे मई-जून में उनके प्रॉफिट मार्जिन प्रभावित हुए हैं। बाजार का कहना है पार्टिकल बोर्ड की कीमतें घटी है लेकिन ज्यादा नहीं घटी।

कोविड की पहली लहार के बाद महामारी भारतीय पार्टिकल बोर्ड उद्योग के लिए एक वरदान माना गया था, क्योंकि इस सेक्टर में काफी ज्यादा डिमांड के कारण प्रॉफिट मार्जिन अच्छा था। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के जून-जुलाई में पार्टिकल बोर्ड की कीमतें 6-7 रुपये प्रति वर्ग फुट तक बढ़ गईं थी और यह इकोनॉमिकलग्रेड प्लाइवुड के बहुत करीब पहुंच गई थीं। भारतीय पार्टिकल बोर्ड निर्माताओं ने कोविड की चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में अच्छा मार्जिन हासिल की थी, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के बाद परिदृश्य बदल रहा है, हालांकि उद्योग और बाजार के विशेषज्ञों का एक धड़ा इसे अस्थायी मानता है।
 

You may also like to read

shareShare article