कोविड की दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन ने बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को प्रभावित नहीं किया क्योंकि कई राज्य सरकारों ने सभी सुरक्षा मानदंडों को ध्यान रखते हुए काम करने की अनुमति दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी परियोजनाएं; ढांचागत विकास कार्य; रियल एस्टेट परियोजनाएं; लॉकडाउन के बावजूद अप्रैल, मई और जून में हाउसिंग की गतिविधियों आदि में काम चलते रहने की खबर है। कुछ परियोजनाएं, जो पूरा होने के करीब थीं, देरी नहीं करना चाहती थीं क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वे और देरी करेंगे तो खर्च का बोझ बढता़ जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रियल एस्टेट, हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चलते रहने से मई और जून महीने में एल्युमीनियम कम्पोजिट पैनल्स (एसीपी), शटरिंग प्लाइवुड, ग्लास, स्टील, पेंट्स जैसे कई उत्पादों की मांग में मदद मिलती रही। शटरिंग प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग मई महीने में 60 प्रतिशत तक उत्पादन जारी रहने की सूचना है, और कुछ इसी तरह की रिपोर्ट एसीपी उद्योग से भी आई।
सरकार से जुड़ी संस्थानों जैसे एनबीसीसी, एनएफसीसी, मेट्रो रेलवे, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, इंडियन रेलवे, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एमआईएस, सड़क परिवहन आदि के रिपोर्ट में पाया गया कि तय समय सीमा के बाद बढ़ता सरकारी खर्च इनमें कई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मई-जून में भी अपना काम जारी रखा। इससे इस कठिन समय में कई बिल्डिंग मेटेरियल प्रोडक्ट्स की मांग में मदद मिली, वहीं रिटेल डिमांड काफी प्रभावित हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि जून-जुलाई में इन प्रोजेक्ट्स में फ्लश डोर्स, लेमिनेटेड डोर्स, वुडन फ्लोरिंग, हाई मॉइस्चर ग्रेड एचडीएफ बोर्ड्स, कैलिब्रेटेड प्लाइवुड, पीवीसी एज बैंड टेप की भी अच्छी मांग रहेगी। सरकारी परियोजनाओं में बढ़ते खर्च से इनमें एप्रूव्ड ब्रांडों को फायदा होगा।