कच्चे माल के रेट बढ़ने से भारी नुकसान का सामना कर रहे पंजाब प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स ने प्लाइवुड के रेट तत्काल प्रभाव (17 सितम्बर) से 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है। पंजाब प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (पीपीएमए) द्वारा आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें पूरे राज्य के 200 के करीब मैन्युफैक्चरर्स शामिल थे।
पीपीएमए के चेयरमैन अशोक जुनेजा ने कहा कि पिछले कुछ समय से, हमारी इनपुट कॉस्ट कई गुना बढ़ गई है क्योंकि प्लाइवुड बनाने का बुनियादी कच्चा माल पोपलर, सफेदा तथा केमिकल के रेट तेजी से बढे है। साथ ही इलेक्ट्रिसिटी का खर्च भी अब काफी ज्यादा है। पोपलर के रेट 1000 के करीब पहुंच गया है फिर भी माल नहीं मिल रहे है। अन्य राज्यों में कीमतें पहले ही बढाई जा चुकी है, लेकिन पंजाब के प्लाइवु मैन्युफैक्चरर्स इस उम्मीद में भारी नुकसान उठा रहे थे कि इनपुट कॉस्ट घटेगी, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण से बाहर होगई है इसलिए हमने प्लाइवुड और संबद्ध उत्पादों के रेट 5 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है।
चर्चा के दौरान कच्चे माल को कस्टम ड्यूटी से मुक्त करने और तैयार माल के आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाए जाने, पेट्रो उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा करों का बोझ कम करने, सीमावर्ती राज्य होने के कारण 80 फीसद माल सड़क व रेल मार्ग से दूसरे राज्यों को भेजनेसे बढे खर्च के लिए फ्रेट सब्सिडी प्रदान करने तथा सरकार द्वारा नदियों और नहरों के तटबंधों और खाली पड़े जमीनों पर योजनाबद्ध वृक्षारोपण के कार्यक्रम चलाए जानें और किसानो को प्रोत्साहित करने की बात कही गयी।
पीपीएमए के प्रेसिडेंट इंद्रजीत सिंह सोहल ने कहा कि कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी के चलते से रेट बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हमारी उत्पादन लागत जितनी बढ़ी है, उसके मुकाबले 5 फीसदी का रेट बढ़ना बहुत मामूली है क्योंकि चार से पांच महीने में इनपुट कॉस्ट करीब 20 फीसद बढ़ चुकी है।