चालू सीजन में बगास की उपलब्धता में सुधार से पार्टिकल बोर्ड उत्पादकों को राहत मिली है। इस साल कच्चे माल की उपलब्धता काफी अच्छी दिख रही है जिससे पार्टिकल बोर्ड निर्माताओं को इस साल अपनी क्षमता का उपयोग करने में मदद मिलेगी। निर्माताओं का कहना है कि गन्ने की फसल का बेहतर उत्पादन इस बात का संकेत है कि उन्हें इस सीजन के लिए पर्याप्त कच्चा माल मिल जाएगा, हालांकि एक साल के लिए बगास का स्टॉक करना सबसे बड़ी चुनौती मानी जाती है। भारत में मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में स्थित दो दर्जन बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड निर्माण इकाइयाँ हैं। उत्तर प्रदेश में अगले साल तक बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड की दो नई इकाइयां शुरू होने की खबर है।
लेविस सिग्नेचर के निदेशक श्री अमृत पटेल ने कहा, “इस साल उपलब्धता अच्छी है लेकिन अन्य उद्योगों से मांग अधिक होने के कारण गुजरात में बगास की कीमतों में वृद्धि हुई है। अगर आप महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तुलना करें तो गुजरात में बगास के दाम ज्यादा हैं। कोयले की ऊंची कीमतों के कारण, अन्य उद्योगों ने बॉयलर के उपयोग के लिए गुजरात में बगास खरीदना शुरू कर दिया है, और वे उंची कीमतें दे रहे हैं। इसलिए, गुजरात स्थित बगास पार्टिकल बोर्ड निर्माता अन्य राज्य के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा कम कर सकते हैं।
यह उल्लेखनीय है कि गुजरात के पास भारत के बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड बाजार के आधे से अधिक बाजार हिस्सेदारी है, जिसके बाद महाराष्ट्र का स्थान आता है। इसकी उपलब्धता और उपयोग में आसानी के कारण इस बोर्ड का खुदरा बाजार में बहुत अच्छी स्वीकृति हैं। अर्ध शहरी और ग्रामीण बाजार में रेडीमेड फर्नीचर की बढ़ती मांग के चलते बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड की मांग साल दर साल बढ़ रही है।