भारत सरकार ने चीन से आयातित डेकोर पेपर पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया है। 27 दिसंबर को जारी नोटिफिकेशन के तहत बताया गया है कि चीन ने आयातित 3 कंपनियों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी तकरीबन 110 डाॅलर प्रति मेट्रिक टन होगा, जबकि अन्य कंपनियों पर 542 डाॅलर तय किया है। सरकार ने ये आदेश घरेलू पेपर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी आईटीसी के आवेदन के बाद, एक जांच के आधार पर लिया है, जिसमें कहा गया है कि चीन से आयातित डेकोर पेपर से घरेलू उद्योग को नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए उस पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाना जरूर पाया गया है।
सरकार के इस आदेश के बाद, लेमिनेट व प्रीलेमिनेट बोर्ड इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले प्रिंट बेस पेपर (कलर/सफेद), ह्वाइट व आॅफ ह्वाइट पेपर, शटरिंग बेस पेपर, आॅवरले पेपर, बैरियर पेपर आदि के चीन से आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी देना होगा।
हालांकि भारतीय लेमिनेट उद्योग का मानना है कि वे चीन से आयातित डेकोर पेपर पर काफी निर्भर हैं, और एंटी डंपिंग ड्यूटी लगने के बाद, उनके प्रोडक्ट का लागत खर्च बढ़ जाएगा। उनका कहना है कि इस शुल्क के प्रभावी होने के बाद, लेमिनेट बनाने में बेस पेपर के लागत खर्च 10 से 40 रू प्रति शीट बढ़ेगा, और आने वाले समय में उनका प्रोडक्ट महंगा होगा।
उधर भारत में डेकोर पेपर आयातकों ने दो तरह के एंटी डंपिंग स्लैब बनाने पर आश्र्चय व्यक्त किया है, उन्होंने कहा कि तीन कंपनियों को छोड़कर बाकी पर ड्यूटी बहुत ज्यादा तय किया है, और ये तार्किक नहीं हैं। उन्होंने इस मामले को न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है।
उधर, लेमिनेट व प्रीलैम बोर्ड बनाने वाली कंपनियों ने अपनी लागत खर्च का आकलन शुरू कर दिया है, और उनका कहना है कि उनके पास फिनिश्ड प्रोडक्ट के रेट बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
भारत में लगी तकरीबन 40 डेकोर पेपर प्रिटिंग कंपनियों ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है, और कहा है कि इस फैसले से उनके उद्योग को नुकसान होगा, क्योंकि उनका प्रोडक्ट अब महंगा हो जाएगा और चीन से आयातित प्रिंटेड डेकोर पेपर को बाजार बढ़ जाएगा। उन्होंने मांग की है कि अब सरकार को चीन से आयातित प्रिंटेड डेकोर पेपर पर भी एंटी डंपिंग ड्यूटी लगानी चाहिए।