स्थिति ऐसी बन रही है कि वुड पैनल उद्योग में 2022 में लकड़ी की कीमतें अपने चरम होगी। परिदृश्य यह होने वाली है कि निर्माता उपज और लॉग गर्थ के संबंध में प्रति वर्ग फुट उपयोग की जाने वाली लकड़ी की लागत का मूल्यांकन करेंगे। लकड़ी की उपलब्धता काफी कम हो जाएगी और वुड बेस्ड इंडस्ट्री ऊँचे दरों पर पोपलर और कम गर्थ वाले सफेदा के लॉग खरीदने के लिए मजबूर होंगे। यही हाल इस वर्ष पूरे देश में किसी और भी स्पेसीज में दिखाई देगा।
इस साल पोपलर की कीमतें 1150 के स्तर को पार करने की उम्मीद है, जबकि अच्छे क्वालिटी के सफेदा 750 रुपये प्रति टन के आसपास रहने की उम्मीद है। केरल में रबर वुड की कीमतें भी इसी स्तर पर रहने की उम्मीद है। पूर्व में भी, लकड़ी की आपूर्ति टाइट रहेगी क्योंकि लकड़ी की मांग हर रोज बढ़ रही है।
पंजाब, हरियाणा में नए वुड बेस्ड इंडस्ट्री के आने, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हो रहे विस्तार से स्थिति निश्चित रूप से काफी असंतुिलत होने वाली है, जो 2022 में अपने चरम पर दिखेगा। एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड में नई क्षमता वृद्धि निश्चित रूप से टिम्बर उत्पादकों को आकर्षित करेगी और उनको बढ़ावा मिलेगा, इस प्रकार टिम्बर नर्सरीमें भी बिक्री 2022 में नई ऊंचाइया हासिल करेगी। कुल मिलाकर, वुड पैनल उद्योग 2022 में लकड़ी कीसबसे ज्यादा कमी होने का गवाह बनेगा। प्लाई रिपोर्टर को आशंका है कि लकड़ी के संकट के चलते प्लाइवुड उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होगें क्योंकि प्लाइवुड बाजार अभी भी प्लाइवुड केटेगरी में कीमतें बढ़ने का समर्थन नहीं
कर रहा है।