व्यापार करने में आसानी और आयातित लकड़ी के तेजी से वितरण और परिवहन की दृष्टि से, गुजरात सरकार ने आयातित लकड़ी के लिए ट्रांजिट पास मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है, जो कि कुछ ही समय में ट्रांजिट पास की सुविधा प्रदान करने की एक ऑनलाइन प्रक्रिया है। कंडला बंदरगाह देश और कई अन्य पड़ोसी देशों में आयातित लकड़ी के परिवहन के लिए एशिया का सबसे बड़ा बंदरगाह है। गुजरात में इस सुविधा की घोषणा व् उद्घाटन 25 दिसंबर से 31 दिसंबर, 2021 तक आयोजित एक कार्यक्रम ‘‘सुशासन सप्ताह‘‘ में की गई।
सिस्टम ट्रांजिट पास जारी करने की सुविधा प्रदान करता है जो लकड़ी के अंतर-राज्यीय और अंतर-राज्य परिवहन के लिए ट्रांजिट परमिट की निगरानी और रिकॉर्ड रखने में मदद करता है। एक नई प्रणाली के लागू होने से राज्य के साथ-साथ पूरे देश में लकड़ी आधारित उद्योग लाभान्वित होते हैं। मैनुअल प्रक्रिया के माध्यम से ट्रांजिट पास प्राप्त करना काफी लंबा और समय लगने वाला कार्य था और व्यापारियों को इसे प्राप्त करने के लिए लाइन में रहते हुए अपना बहुमूल्य समय व्यतीत करना पड़ता था। इसके लॉन्च होने से कांडला पोर्ट ऑनलाइन ट्रांजिट पास की सुविधा देने वाला भारत का पहला बंदरगाह बन गया है।
कंडला टिम्बर एसोसिएशन (केटीए) इसके लिए काफी समय से प्रयास कर रहा था। उन्होंने ऑनलाइन ट्रांजिट पास की मांग की थी। उनकी मांग अब पूरी कर दी गई है। कंडला टिम्बर एसोसिएशन (केटीए) के अध्यक्ष श्री नवनीत गज्जर ने ऑनलाइन ट्रांजिट पास की अनुमति देने के गुजरात सरकार के आदेश की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब आयातकों के लिए अपना मटेरियल हासिल करना आसान होगा। यह एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है और औपचारिक रूप से यह लकड़ी आधारित उद्योग की मदद करेगा। कंडला भारत का पहला बंदरगाह है जो ऑनलाइन ट्रांजिट पास प्रदान करेगा।