भारत के बाजार में अब वुड बेस्ड पार्टिकल बोर्ड की काफी अधिक मात्रा की जरूरत है। ओईएम की खपत काफी ज्यादा है, इसलिए गुणवत्तापूर्ण पार्टिकल बोर्ड की मांग ओईएम और फर्नीचर निर्माताओं द्वारा काफी तेजी से बढ़ी है। थाईलैंड से माल ढुलाई में नरमी के बाद से, बैंकॉक से आयात में काफी तेजी देखी जा रही है। जैसे ही माल भाड़ा 8000 डॉलर से 5000 डॉलर तक गिरा, पार्टिकल बोर्ड कंटेनर भारतीय बंदरगाहों और ओईएम की ओरनजरे गड़ाए हैं। भारत में अच्छी गुणवत्ता वाली वुड बेस्ड पार्टिकल बोर्ड की बड़ी जरूरत हैं, और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ऑर्डर से भरे पड़े हैं। एक्शन टेसा, सेंचुरीप्लाई, ट्रीलॉजी, क्रॉसबॉन्ड जैसे ब्रांडेड सेगमेंट के पार्टिकल बोर्ड निर्माताओं पर ऑर्डर का दबाव काफी ज्यादा है। ओईएम से उच्च गुणवत्तापूर्ण बोर्डों की जरूरतों और सप्लाई की दिक्क्तों के कारण, लंबे समय बाद आयात में वृद्धि दिखाई दे रही है।
महाराष्ट्र के एक प्रमुख ओईएम ने बताया कि महामारी से पहले, इनकी जरूरतों को बड़े पैमाने पर आयातित पार्टिकल बोर्ड सेगमेंट द्वारा पूरा किया जाता था। आयातित पार्टिकल बोर्ड की अच्छी क्वालिटी के कारण भारत में गुणवत्ता के प्रति जागरूक फर्नीचर निर्माता उनका उपयोग करते है। भारत में 60 से अधिक पार्टिकल बोर्ड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होने के बावजूद, क्वालिटी फर्नीचर मेकर अभी भी आयातित पार्टिकल बोर्ड खरीदने के इच्छुक हैं, क्योंकि भारतीय उत्पादक कीमत और क्वालिटी के अनुरूप नहीं होते।
गुड़गांव स्थित एक फर्नीचर कंपनी का कहना है कि लॉजिस्टिक और सप्लाई की दिक्क्तों ने भारतीय पार्टिकल बोर्ड उत्पादकों को फायदा पहुँचाया, लेकिन गुणवत्ता और कीमत के मोर्चे पर संतुष्टि अभी भी १०० फीसदी नहीं है। हालांकि अधिकांश फर्नीचर निर्माता अब घरेलू उत्पादकों पर ज्यादा निर्भर हैं, यही कारण है की पार्टिकल बोर्ड स्पेस में ऑर्डर की पेंडेंसी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।
प्लाई रिपोर्टर को लगता है कि पिछले कुछ महीनों से ‘पार्टिकल बोर्ड्स की पर्याप्त मांग है‘ और हर कोई ऑर्डर से भरा पड़ा है, चाहे वह ऑर्गेनाइज्ड हो या मिड सेगमेंट प्लेयर। रेडीमेड फर्नीचर की मांग में तेजी पार्टिकल बोर्ड निर्माताओं को क्वालिटी और कैपेसिटी के साथ कुशलता हासिल करने के लिए प्रेरित कर रही है।