जबलपुर में सामूहिक रूप से उद्योग के इकाइयों की मदद के लिए कॉमन फैसिलिटी सेण्टर के साथ एक फर्नीचर क्लस्टर स्थापित किये जाने की संभावना है। मध्य प्रदेश सरकार ने स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर छोटे क्लस्टर बनाकर जबलपुर में इसकी पहल करने पर विचार कर रही है, चाहे वह वन आधारित हो, डेयरी उत्पादन हो या कृषि आधारितहो सुविधा सभी को प्रदान की जाएगी। इन कलस्टर से जुड़े ज्यादातर एमएसएमई सूक्ष्म और लघु होंगे जिनकी क्षमता लगभग एक करोड़ होगी।
अभी क्लस्टर बनाने की तैयारी चल रही है, बाद में सलाहकार आकर जगह का चयन करेंगे, उसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। चौंबर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने कहा कि यदि 90 फीसदी से ज्यादा छोटी इकाइयां सहमत हैं, तो इस पहल के तहत सरकार को एक आकर्षक प्रस्ताव दिया जा सकता है। 200 से ज्यादा पंजीकृत लघु उद्योग इस क्लस्टर में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इनमें लकड़ी के व्यापारी और फर्नीचर निर्माता भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि जबलपुर से 500 टन तक लकड़ी दूसरे राज्यों विशेषकर राजस्थान जाती है। और हम उसी लकड़ी के वैल्यू एडिशन के बाद ऊँचे रेट में खरीदते हैं। इस पहल के तहत जबलपुर में फर्नीचर क्लस्टर विकसित करने की परिकल्पना की गई है ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।
शहर के एक लकड़ी के व्यापारी श्री गुरसिमरन सलूजा ने कहा कि यदि एमएसएमई के माध्यम से क्लस्टर विकसित किया जाता है, तो हमें प्रौद्योगिकी का ज्ञान मिलेगा और जबलपुर की एक अलग पहचान होगी। श्री अमरदीप सिंह सलूजा ने कहा कि यदि सभी सुविधाएंएक ही स्थान पर उपलब्ध हों तो यह उद्योग के लिए सबसे अच्छा होगा और फर्नीचर के विकास की ओर ले जाएगा और हम लोहा या इस्पात के फर्नीचर काव्यवसाय भी कर सकते हैं और संभवतः, चीनी उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा भी कर सकते हैं।