भारत नेपाल के बाजार में अच्छी मात्रा में लेमिनेट शीट का निर्यात करता रहा है, लेकिन लेमिनेट के स्थानीय उत्पादन के लिए इकाइयों की स्थापना से भारत से लेमिनेट का निर्यात प्रभावित होगा। नेपाल से प्राप्त एक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि आने वाले समय में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी प्रभावित होगी, जब इस साल नेपाल में स्थापित होने वाली नई लैमिनेट इकाइयों से पर्याप्त आपूर्ति होगी। वहां एक लेमिनेट इकाई पहले से ही सफलतापूर्वक चल रही है जिसे दो साल पहले स्थापित किया गया था। मांग और अधिक होने की संभावना को देखते हुए, 4 नई लेमिनेट इकाइयांm स्थापित किये जाने की पुष्टि की गई है, जो इस साल नेपाल में स्थापित होने जा रही हैं।
मशीनरी निर्माता नेपाल में 4 लाइनों के ऑर्डर की पुष्टि करते हैं और वे यह भी संकेत देते हैं कि 2 और लाइनें बाद में आएंगी क्योंकि ये मशीन के ऑर्डर को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल में भैरवा क्षेत्र में लगभग 6 से 7 लैमिनेट मैनुफैक्चरिंग इकाइयाँ लगेंगी जिसमें प्रत्येक की क्षमता प्रति माह 1.25 लाख शीट है। श्याम लैमिनेट्स के श्री आकाश, जिन्होंने2 साल पहले मैन्यूफैक्चरिंग शुरू किया था, कहते हैं कि नए प्लेयर लेमिनेट में प्रवेश कर रहे हैं और नेपाल स्थित बाजार आने वाले दो वर्षों में डोमेस्टिक सप्लाई में स्थानांतरित हो जाएगा, लेकिन हमारे लिए कच्चे माल जैसे क्राफ्ट पेपर, डिजाइन पेपर आदि को लेकर
भारत के बाजार पर निर्भरता जैसी कई चुनौतियां हैं। नेपाल के रिटेलरों का कहना है कि भारतीय लेमिनेट नेपाल के बाजार में बहुत लोकप्रिय हैं, क्योंकि इसके विभिन्न प्रकार के डिजाइन, कलर और टेक्सचर के साथ-साथ क्वालिटी भी है, लेकिन अभी इनकी कीमतें काफी बढ़ी है। वे मानते हैं कि अगर डोमेस्टिक सप्लाई में सुधार होता है, तो लाइनर लेमिनेट् का बाजार तुरंत स्थानीय उत्पादन में स्थानांतरित हो जाएगा।
हालाँकि, न्यूज रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि नेपाल कीअर्थव्यवस्था अब थोड़ी कमजोर है, और बैंक नए व्यवसायों को धन देने में असमर्थ हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी होने की भी खबर है, और अगर वर्तमान स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर सावधानी से नहीं संभाला गया, तो नेपाल में आर्थिक मंदी हो सकती है जैसा कि श्रीलंका में हो रहा है।