सामान्य तौर पर अप्रैल में बिक्री कमजोर रही। इसके मुख्य रूप से 3 कारण थे, पहला मार्च में ‘‘टारगेट मीट‘‘ करने के लिए सेल्स की जल्दबाजी या कीमतें बढ़ने की आशंका में घबराहट के चलते की गई खरीदारी। दूसरा, साइटों के साथ-साथ उत्पादन यूनिट में भी लेबर की कमी थी, जिसके कारण माल की आवाजाही में दिक्क्तें हुई और पेमेंट रोटेशन खराब हुआ। तीसरा प्रमुख कारण स्टील, सीमेंट, गैस, ईंधन की कीमतों में तेज उछाल से सेंटीमेंट का कमजोर पड़ना, और इसके चलते ‘‘थोड़ा और देखते हैं, अभी रूकते है‘‘ जैसी मानसिकता पैदा हुई।कुल मिलकर सभी कटेगेरी में इस उम्मीद के साथ नीरसता पैदा हुई कि, जब लेबर वापस आएंगे, तो मई के दूसरे सप्ताह से बाजार में फिर से तेजी आएगी।
मई के दूसरे हिस्से में तेजी आने की उम्मीद है, हालांकि स्थिरता अगले महीने तक ही आने की सम्भावना है। मई में प्लाइवुड की कीमतें स्थिर बनी हुई है, क्योंकि टिम्बर की कीमतें स्थिर रही है। मेलामाइन और क्राफ्ट के बदौलत लेमिनेट सेगमेंट में कीमतों में थोड़ी नरमी आई, व लाइनर की कीमतों में 15 से 20 रुपये तक की गिरावट देखी गई है, लेकिन पेपर कॉस्ट ज्यादा होने के कारण थिकनेस वाली बाकी कटेगेरी, उसी स्तर पर बनी हुई हैं। एचपीएल डेकोरेटिव सेगमेंट में जून और जुलाई में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है क्योंकि अब कई रुके हुए प्रोजेक्ट शुरू हो गए हैं। प्रोजेक्ट की गतिविधियों में तेजी के साथ ऑर्गनाइज लेमिनेट सेगमेंट में पहले से ही मांग में तेजी देखी जा रही है।
सप्लाई बढ़ने से एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड सेक्टर में कुछ बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है, साथ ही मेटेरियल के डिमांड में भी कुछ कमी आई है। टिम्बर की बढ़ती लागत के बावजूद एमडीएफ प्लांटों ने अब तक कीमतें नहीं बढ़ाई है। पूरी दुनिया में लॉजिस्टिक्स में स्थिरता के साथ सेलिंग का दबाव बढ़ता जा रहा है। कंटेनर की कीमतों में नरमी से भी आयातकों को अपने वॉल्यूम बढ़ाने में मदद मिली है। पिछले एक साल में, कई नए प्लेयर्स के आने से रेडीमेड फर्नीचर का उत्पादन बढ़ा है। वुड पैनल इंडस्ट्री और ट्रेड के अधिकांश लोग फर्नीचर उत्पादन के लिए यूनिट लगाने के इच्छुक हैं। मुझे उम्मीद है कि रेडीमेड फर्नीचर सेक्टर, खासकर इसका किचेन और वार्डरोब सेगमेंट बढ़ने वाला है।
उतार-चढ़ाव और बढ़ते कच्चे माल की कीमतों के बावजूद, प्लाइवुड अभी भी सबसे भरोसेमंद और व्यापक रूप से कारोबार किया जाने वाला मेटेरियल है। वर्ष 2022-24 में एक ऐसा फेज आएगा, जिसमें प्रीलैम एमडीएफ में वृद्धि के अलावा पार्टिकल बोर्ड सेगमेंट में एक बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। ऐक्रेलिक लेमिनेट्स के उपयोग से कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की खपत और मांग में मदद मिल रही है।
ट्रेड मेकेनिजम अभी भी कैलिब्रेटेड प्लाइवुड उत्पादकों के लिए अनुकूल नहीं है। मुझे सभी प्रोडक्ट कटेगेरी में और अधिक तर्कसंगत दृष्टिकोण देखने की उम्मीद है, जहां बाजार को उत्पाद की गुणवत्ता, विशेषतायें और इस पर वारंटी के साथ कीमतों में तुलना करने की जरूरत है। हमें इस महामारी से काफी कुछ सिखने और काफी कुछ अनसुनी करने की जरूरत है। आइए बंगलौर में होने वाले इंडिया वुड 2022 में मिलते हैं।
सक्रिय रहें, आशान्वित रहें।
प्रगत द्विवेदी
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