देश के विभिन्न क्षेत्रों से आ रही रिपोर्टों के अनुसार भारतीय बाजार अभी भी पूरे जोरों पर नहीं है। रिटेल काउंटर बाजार के धीमी गति से आगे बढ़ने और नए काम की कमी की बातें स्वीकार कर रहा हैं। महंगाई, कंस्ट्रक्शन की लागत और मजदूरों की कमी के चलते कथित तौर पर कमजोर खरीददारी के कारण प्लाइवुड की बिक्री में तेजी नहीं दिखाई दे रही है। प्लाइवुड की कीमतें बढ़ने की घोषणा को कई छोटे उत्पादकों, जो मंदी के कारण बिक्री के लिए दबाव महसूस करते हैं, उनके द्वारा लागू नहीं किया गया।
इस साल गर्मी का असर मजदूरों और फैक्ट्रियों के लिए भी काफी परेशान करने वाला रहा। अप्रैल के शुरुआत में अपने घर गए मजदूर लौट रहे हैं लेकिन उनके लौटने की गति काफी धीमी है। इसके आलावा चिंता है कि शादी का मौसम भी करीब है जिससे और भी लेवर अपने राज्यों में जा सकते हैं।
प्लाई रिपोर्टर के सर्वे के अनुसार टियर 2-3 शहरों की तुलना मेंमहानगरीय शहरों में मंदी ज्यादा देखी जा रही है। ‘मार्केट सेंटीमेंट पर सर्वे‘ के दौरान प्राप्त डीलरों की राय के अनुसार पिछले 2 महीनों में टियर थ्री शहरों में प्लाइवुड और लेमिनेट्स की अच्छी मांग रही।
विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट्स और महानगरों में फर्नीचर की बढ़ती मांग के कारण संगठित प्लाइवुड ब्रांड अपनी बिक्री को बनाए हुए हैं। लॉजिस्टिक सप्लाई चेन और ब्रांडिंग बड़े ब्रांडों को छोटे शहरों तक अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद कर रहा है, जो उनके ग्रोथ के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके विपरीत मध्य-स्तर की कंपनियां क्षेत्रीय आधार पर काम कर रही हैं, जो क्षेत्रीय बाजार की अपनीm दिक्क्तों और मांग-आपूर्ति के असंतुलन के कारण उन पर दबाव डालती हैं।
अगर शादियां और मानसून बाजार के पक्ष में नहीं रहा, तो अगले दो महीने बाजार सुस्त ही रहने की उम्मीद है। प्लाई रिपोर्टर जून-जुलाई के दौरान हर शहर और कस्बे में कई नई साइटों के खुलने के साथ बिक्री में तेजी की उम्मीद करता है। फिर से ऑफिस वर्क शुरू होने से निश्चित रूप से आक्रामक और सक्रिय प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए बेहतर मांग पैदा करने वाला साबित हो रहा है।