नार्थ इंडिया में टिम्बर की आवक घटने से रेट में 25 फीसदी तक उछाल

person access_time3 17 December 2022

पूरे उत्तर भारत में प्लाइवुड सेक्टर में टिम्बर की आवक कम होने से, रेट में अचानक भारी उछाल देखने को मिला है। पिछले 15 दिनों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब के लक्कड़ मंडियों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार टिम्बर की आवक दिन व् दिन घटती जा रही है। यमुनानगर की मंडियों में 40 फीसदी तक टिम्बर के शॉर्टेज की खबर है, जिसके चलते टिम्बर की कीमतें 25 फीसदी तक बढ़ गई है। कई उत्पादकों का कहना है कि ठंढ के कारण टिम्बर में मॉइस्चर भी बहुत होता है जिसके चलते इसकी कॉस्टिंग और बढ़ जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक दीवाली के बाद पोपलर और सफेदा के रेट में नरमी आई थी, लेकिन पिछले 15 दिनों में रेट फिर बढ़ गए हैं। एक आढ़ती के मुताबिक मंडौली लकड मंडी में हर रोज लगभग 200 गाडियां आती थी जो 125 के आसपास ही पहुंच रही है।

आल इंडिया प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री देवेंद्र चावला ने कहा कि टिम्बर की कीमतें 25 से 30 फीसदी बढ़े हैं क्योंकि मंडी में टिम्बर की आवक पिछले 15 दिनों से कम हो रही है। एक अनुमान के अनुसार यमुनानगर प्लाईवुड इंडस्ट्री को लगभग 40 फीसदी कम टिम्बर मिल रही है। उन्होंने बताया कि डिमांड की भी भारी कमी है और टिम्बर की भी दिक्क्तें है इससे इंडस्ट्री परेशान है। इन समस्याओं के समाधान पर विचार करने के लिए  सरकार से मिलकर एक सेमिनार का आयोजन करने जा रहे हैं जिसमें ईपिर्ति, एफआरआई तथा सरकार के साथ साथ किसानो को एक मंच प्रदान करने का प्रयास है। हरियाणा में प्लांटेशन बढे इसके लिए सरकार क्या सहयोग कर सकती है इसके लिए हम अपना प्रस्ताव रखने जा रहे है ताकि हमारे यद्योग को सतत रूप से टिम्बर मिलती रहे। 

उत्पादकों ने यह भी बताया कि ठंढ के मौसम में टिम्बर की आवक कम हो जाती है। जिसके लिए पहले जब कीमतें स्थिर होती थी तो इंडस्ट्री के लोग पहले से ही इन दिनों के लिए टिम्बर के स्टॉक रखते थ,े लेकिन अब कीमतें ज्यादा होने और नकदी की कमी के चलते वे टिम्बर का स्टॉक उस हिसाब से नहीं कर सके इसलिए उत्पादकों को ज्यादा समस्या का सामना करना पड रहा है। एक टिम्बर आढ़ाती ने बताया कि, ‘‘इस समय गन्ना और कई अन्य फसलों की बिजाई होती है, जिससे पेड़ों की कटाई कम रहती है और टिम्बर की उपलब्धता कम हो जाती है। यह स्थिति हर साल रहती है। इस साल भी ऐसा दिखने लगा है। पहले कम्पनियाँ स्टॉक रखती थी, अब उतना स्टॉक नहीं रख पाती, इसलिए उद्योग पर इसका असर दिख रहा है।

उत्तर प्रदेश प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री अशोक अग्रवाल का कहना है कि उत्तर प्रदेश में टिम्बर में 25 से 30 फीसदी का उछाल अचानक आ गया है और फैक्ट्रयों में टिम्बर की आवक करीब 40 फीसदी कम हो गयी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्लाईवुड और विनियर के प्लांट अपनी उत्पादन क्षमता का भरपूर उपयोग करने का प्रयास करते हैं जिसके लिए इंडस्ट्री में टिम्बर की मांग बढ़ रही है। उन्होंने बताया की प्लाईवुड की मांग को देखते हुए कहा जा सकता है कि मांग उतनी ज्यादा नहीं है, जितनी टिम्बर की माँग है। उन्होंने इंडस्ट्री के लोगों से अपील की है कि तत्काल प्रभाव से उत्पादन कम कर स्थिति को नियंत्रित और संतुलित की जा सकती है क्योंकि निकट भविष्य में टिम्बर की हालत सुधरने वाली नहीं है। दूसरी तरफ बाजार में प्लाइवुड की मांग भी अच्छी नहीं दिख रही है।

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