वर्ष 2023, उत्तर भारत स्थित अच्छी तरह से सुसज्जित और बेहतर तरीके से प्रबंधित प्लाइवुड प्लांट्स के लिए एक अनुकूल वर्ष होगा। कैलिब्रेटेड प्लाई, प्री-लेमिनेटेड प्लाइवुड और हाउसिंग सेगमेंट में बढ़ती मांग के साथ, 23 उत्तर भारत के इन प्लांट्स के लिए तुलनात्मक रूप से बेहतर होगा। वर्ष 2021-22 में, टिम्बर की कीमतों ने नई ऊंचाई छूई और यह 2022-23 में भी जारी रहा। पर 2023 में मई के बाद विशेष रूप से पोपलर में रिटर्न कर्व देखें को मिलेगा। प्लाई रिपोर्टर का अनुमान है कि नए सीजन की लकड़ी यानी पोपलर 2023 के मध्य से आनी शुरू हो जाएगी।
यह लकड़ी की सप्लाई और कीमतों पर दबाव थोड़ा कम करना शुरू कर देगा और साल 23 के अंत तक गति पकड़ लेगा। हालांकि प्लाई रिपोर्टर का मानना है कि लकड़ी की कीमतें तत्कालीन रूप से नीचे नहीं जाएंगी। पर बढ़ती आपूर्ति फिर भी अगले 2-3 वर्षों के लिए एक अस्थायी व्यवस्था होगी, यह बहुत कुछ कंपनियों द्वारा किये जा रहे वृक्षारोपण पर निर्भर करेगा।
चूंकि हरियाणा और पंजाब पोपलर प्लांटेशन में सबसे आगे हैं, जो कुल प्लांटेशन एरिया का लगभग 85 फीसदी है, यह 2023 में अलटरनेट प्लाईवुड की मजबूत वापसी का संकेत है। प्लाई रिपोर्टर का फोरकास्ट पैटर्न 23 के अंत तक पोपलर की कीमतों में 250-350 रुपये की कमी महसूस कर रहा है, जबकि पंजाब क्षेत्र और हरियाणा में सफेदा में 100-150 रुपये की नरमी देखि जाएगी। उत्तर प्रदेश को कंफर्टेबल जोन में पहुंचने में अभी भी एक साल और लगेगा।
उत्तर भारत में प्लाईवुड उद्योग को बनाए रखने के लिए सरकार की पहल भी महत्वपूर्ण होगी जिसमें उद्योग को नए वुड बेस्ड इंडस्ट्री गाइडलाइन्स के माध्यम से मदद करेगी। नए क्लोन का विकास, और हायर इनकम की संभावनाएं, लकड़ी प्लांटेशन में तेजी, प्लांटेशन के प्रति जागरूकता, नर्सरी की बढ़ती संख्या, वुड बेस्ड नए इंडस्ट्री और नकदी फसल की प्रकृति उत्तर में टिम्बर की उपलब्धता सुगम बनाने में मदद करेगी। वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में अच्छे समय की शुरुआत करेगा।