“उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट परियोजना की जमीनी स्तर पर काम जल्द शुरू होने जा रहा है | इसको लेकर प्रदेश की योगी सरकार सिटी वाईस ब्लू प्रिंट भी तैयार कर रही है | वहीँ इस परियोजना से फर्नीचर और वुड पैनल प्रोडक्ट के मांग में करीब 30% वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है | वहीँ हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट परिषद् की माने तो इस परियोजना को लेकर अबतक करीब 83,000 करोड़ रुपये के 650 एम्ओयू भी जारी कर चुका है”|
यूपी सरकार अपने 1 ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रियल एस्टेट को निवेश की लिहाज से सबसे मजबूत स्तम्भ मान रही है | इंडस्ट्री से जुड़े जानकार भी मानते है कि किसी भी राज्य की इकॉनोमी वहाँ के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बढ़ते रियल एस्टेट पर निर्भर करते हैं| ऐसे में यूपी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 से पहले आये एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रियल एस्टेट परियोजना पर जल्द काम शुरू होने की संभावना जताई जा रही है| हाऊसिंग एंड अर्बन प्लानिंग की माने तो अभीतक रियल एस्टेट परियोजना को लेकर 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश भी प्राप्त हो चूका है|
वहीँ इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने बताया कि “यूपी में होने वाले इन्वेस्टमेंट को केवल रियल एस्टेट में होने वाले ग्रोथ से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, बल्कि हर उस सेक्टर के ग्रोथ को जोड़कर देखना चाहिए जो इससे जुडी हुई है, वो चाहे डोर हो, विंडो हो या फिर चैनल सेक्शन का काम हो | इसके अलावा अलुमुनियम का काम, फर्नीचर का काम हो या फिर किचेन का काम हो तो जब ये काम बढ़ेंगे तो चैनल के लिए, फर्नीचर के लिए वुडेन के लिए काफी बड़ा काम होने वाला है इसमें स्कोप बढ़ने वाला है”|
रियल एस्टेट क्षेत्र में आने वाले निवेशकों के लिए लखनऊ में सबसे अधिक 24396 करोड़ रुपये की 99 परियोजनाएँ, गाजियाबाद में 19624 करोड़ रुपये की 46 परियोजनाएँ, बुलंदशहर में 5924.25 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाएँ, कानपुर में 5397.51 करोड़ रुपये की 33 परियोजनाएँ और प्रयागराज में 4494.50 करोड़ रुपये की 35 परियोजनाएँ प्रस्तावित हैं। इनके अलावा अन्य शहरों में झांसी, वाराणसी, मुरादाबाद, बरेली और मेरठ में भी परियोजनाएँ प्रस्तावित हैं| इसके अलावा आवास विकास परिषद् द्वारा जल्द ही छोटे – बड़े शहर में 100 नई टाउनशिप विकसित करने की भी योजना है | वहीँ प्रदेश सरकार के सिटी वाईस रियल एस्टेट परियोजना से फर्नीचर और डोर पैनल के मार्केट में 25 से 30 फीसदी के आसपास ग्रोथ होने की उम्मीद जताई जा रही है|
यूपी में आबादी करीब 24 करोड़ के आसपास है, जिसमें 6 करोड़ के आसपास आबादी अर्बन क्षेत्र में निवास करती है, एसा अनुमान है कि अगले पांच साल के दौरान आबादी में 3.07 करोड़ के इजाफा होने का अनुमान है | ऐसे में माना जा रहा है कि अर्बन क्षेत्र में करीब 65 लाख से ज्यादा आवास की जरुरत पड़ सकती है | वहीँ यूपी में फर्नीचर और वुड प्रोडक्ट पैनल से जुड़े करीब 500 यूनिट है, और फर्नीचर मार्किट में सालाना 20 से 25 फीसदी की दर से ग्रोथ होना बताया जा रहा है|