जब कुछ साल पहले 0.92 मिमी बाजार में आया था, उस समय प्लाई रिपोर्टर ने बार-बार आगाह किया था, कि ‘‘गलत कैलकुलेशन वाली कई योजनाएं और उत्पादों के मामले सामने आ रहे है जो कुछ समय तो काफी बढ़िया दिखेंगे लेकिन आने वाले समय में कंपनी के लिए घाटे का सौदा सावित होंगे।‘‘ 0.92 मिमी लेमिनेट सेगमेंट में मौजूदा स्थिति यह है कि महानगरों और बड़े शहरों में इस प्रोडक्ट केटेगरी में ग्राहको का भरोसा खोने लगा है।
यहां तक कि छोटे शहरों के बाजार के फीडबैक कहते है कि अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा के कारण सस्ते और महंगे, या अच्छी और सस्ती क्वालिटी के बीच उत्पाद का अंतर पता ही नहीं चलता है। एचपीएल में, लोग बहुत कम समय में पूरे देश में विस्तार करना चाहते हैं, लेकिन उत्पाद की स्वीकृति विविध संस्कृतियों, टेस्ट और विभिन्न वर्गों के लोगों की सामर्थ्य के अनुसार स्वीकार किया जाता है।
लगभग पांच या छह साल पहले कुछ डेकोरेटिव लेमिनेट उत्पादकों ने एक नई रणनीति अपनाई, और कई प्लेयर्स बाजार हथियाने के लिए 0.92 मिमी लेमिनेट लेकर आए, जो 1 मिमी की तुलना में 25 फीसदी सस्ती कीमत पर पेश किया गया था। उन्होंने महानगरों और बड़े शहरों में ग्राहकों को काफी हद तक आकर्षित भी किया और सभी जगह फैल गया, विशेष रूप से मुंबई, पुणे, बड़ौदा, राजकोट, हैदराबाद, इंदौर, भोपाल, जयपुर, आदि जैसे पश्चिमी और केंद्रीय बाजारों में इसका ज्यादा विस्तार हुआ। लेकिन अब इस सेगमेंट में गुणवत्ता में गिरावट के चलते इसका बाजार एक बार फिर 1 मिमी की ओर बढ़ गया है।
खुदरा विक्रेताओं के बीच किए गए अध्ययन से पता चलता है कि उनके कई बड़े ग्राहक 0.92 मिमी के लेमिनेट पसंद नहीं करते हैं। उनके मुताबिक 0.92 एमएम बेचने से उनकी छवि खराब होती है, इसलिए वे इसे बेचना नहीं चाहते। कई अन्य रिटेलर भी इसे बेचने को तैयार नहीं हैं। नॉन-फोल्डर केटेगरी भी गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर रही है, और प्लेयर्स 0.92 मिमी में अपनी पेशकश को बढ़ावा देने में रुचि नहीं रखते हैं। वे कमिटेड हैं और केवल 1 मिमी थिकनेस वाले हाई क्वालिटी लैमिनेट को ही बढ़ावा देना चाहते हैं जो हाई क्वालिटी पेपर और और प्लेटों से बने होते हैं। लेकिन प्लाई रिपोर्टर के सर्वे के मुताबिक, 0.92 एमएम लेमिनेट के इस सेगमेंट के उत्पाद गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के टियर-3 शहरों में देखा जा रहा है।
गुजरात में, नवसारी, भुज, गोधरा, पाटन, पालनपुर, वेजलपुर, जेतपुर, मोरवी, मेहसाणा, बलवेश्वर, और भरूच जैसे शहरों में ग्राहक 0.92 के फोल्डर खोज रहे हैं और ये पसंद भी किए जा रहे है। इसी तरह, महाराष्ट्र के नासिक, दिवेआगर, खंडाला, लोनावाला, औरंगाबाद, राजमाची और गुहागर आदि शहरों में और राजस्थान में पिपली, चितौड़गढ़, शाहपुरा, रणकपुर, जोधपुर और बीकानेर आदि शहरों और अन्य राज्यों में भी 0.92 मिमी की उपस्थिति महसूस की गई है और इसकी पैठ बढ़ रही है लेकिन लेमिनेट के इस सेगमेंट को 0.8 मिमी से कड़ी टक्कर मिल रही है।