वुड पैनल बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, चुनौतियों और छोटे व अन-आर्गनाइज कंपनियों के साथ उन उद्यमियों के लिए जो अपने उद्यम को अभी तक संजीदगी से नहीं संभाला है, के लिए नकारात्मक परिदृश्य भी दिखाता है। साल 2019 में पक्के के पैसे का महत्व, बेहतर मार्केटिंग रणनीति और बेहतर सेल्स प्रोफेशनल की जरूरत को महसूस कराएगा, जो अभी तक इस उद्योग में अनुभव नहीं किया गया है।
नया साल 2019 ने चुस्त, फोकस और महनती कंपनियों, व्यापारियों व दुकानदारों के लिए कई संभावनाएं, अवसर और उम्मीदें लाया है। नया साल सभी उद्यमियों साथ ही रिटेलर्स के लिए एक नई शुरूआत करने का समय होता है, जो अपनी सेल को बढ़ाने के लिए कंफर्ट जोन से बाहर आकर, नए बाजार की तलाश करते हैं। वहीं, वुड पैनल बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, चुनौतियों और छोटे व अन-आर्गनाइज कंपनियों के साथ उन उद्यमियों के लिए जो अपने उद्यम को अभी तक संजीदगी से नहीं संभाले है, उन्हें नकारात्मक परिदृश्य भी दिखाता है। साल 2019 में पक्के के पैसे का महत्व, बेहतर मार्केटिंग रणनीति और बेहतर सेल्स प्रोफेशनल की जरूरत को महसूस कराएगा, जो अभी तक इस उद्योग में अनुभव नहीं किया गया है।
वर्तमान में पूरा बिल्डिंग मेटेरियल सेगमेंट, कमजोर मांग व पेमेंट की संकट से जूझ रहा है, साथ ही बाजार में खरीद-बिक्री के तरीकों में बदलाव हो रहा है। चेक, अब नया कैश बन चुका है, जिसका लाभ आर्गनाइज ब्रांड को मिल रहा है। फिलहाल प्लाइवुड सेगमेंट में मात्र 14 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ अन्य क्वालिटी व ब्रांड के लिए ग्रोथ की असीम संभावनाएं दिख रही है। राॅ मेटेरियल में तेजी, प्रोडक्शन क्षमता में बढ़ोतरी से साल 2019 में भारी प्रतिस्पर्धा व कंसोलिडेशन दिखेगा। ब्रांडेड कंपनियों का ग्रोथ लगातार होगा, वहीं नए ब्रांडेड कंपनियों का नाम दिखाई देगा।
प्लाइवुड कटेगरी में, स्पष्टता, कोशिश और कैपिटल के मिश्रण को ब्रांड कहते हैं, और कुछ नाम को छोड़कर, ये गुण वाले ब्रांड काफी कम दिखते हैं, यानी 30 हजार करोड़ रू. की प्लाइवुड इंडस्ट्री अभी भी वैसे बहादुर महत्वाकांक्षी उद्यमियों का इंतजार कर रहा है, जो टाॅप 5 में अपनी जगह बना सकें। जीएसटी पेड और बिना जीएसटी वाले प्रोडक्ट के रेट में गैप कम होने से ब्रांडेड प्रोडक्ट की स्वीकार्यता बढ़नी लाजमी है। साल 2019, कड़ी मेहनत वाले युग की शुरूआत की तरह जाना जाएगा, इसलिए प्रतिस्पर्धा से लड़ने के लिए तैयार हो जाएं।
साल 2019 में जीएसटी स्लैब कम होने की संभावना है, जो ब्रांडेड कंपनियों को फायदा पहंुचाएगा, क्योंकि ब्रंाड व नन-ब्रांड के रेट में गैप और कम होगा। छोटी व मझोली कंपनियों के लिए बैंक व नन-बैंकिंग सेक्टर से मिलने वाले लोन की प्रक्रिया आसान होने से, मैं ये विश्वास करता हूं कि साल 2019 की दूसरी छमाही में बाजार में पैसे की तरलता बेहतर हो सकती है। चुनावी साल में 3 से 4 महीने के लिए व्यापारिक माहौल हल्का रहता है, इसलिए अप्रैल से जून के बीच, बड़े प्रोजेक्ट और व्यापारिक निर्णयों के लिए इंतजार करना होगा। बाकी 9 महीने की अवधि में केन्द्र सरकार की ओर से कई आश्चर्यजनक परिणाम मिलेंगे, और बेहतर संभावनाओं के साथ देश का मिजाज पाॅजिटिव बना रहेगा।
नए साल में खुशहाली व बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं!
प्रगत द्विवेदी
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