भारतीय डेकोरेटिव लैमिनेट की मांग ‘उत्पाद की एक बमबारी‘ जैसा प्रतीत हो रहा है, जहां प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए कम मोटाई में आकर्षक डिजाइन और अच्छी गुणवत्ता वाले मेटेरियल की पेशकश की जा रही है। इस
प्रक्रिया में, पिछले दो वर्षों में 0.8 मिमी में बेहतर डिजाइन ऑफरिंग के साथ लगभग 30 कंपनियों ने बाजार में प्रवेश किया है। लेमिनेट्स के 1 मिमी सेगमेंट का बाजार स्थिर है और 0.9 मिमी श्रेणी में सस्ती और कॉपी की गई डिजाइन ने आरएंडडी के कॉस्ट को अनुचित बना दिया है। 1 मिमी में धीमी गति और कम मोटाई ने प्लेट निर्माताओं को 0.8 मिमी केटेगरी के डिजाइन के लिए ध्यान देने को मजबूर किया है जिनकी बाजार हिस्सेदारी पिछले 3 वर्षों में तेजी से बढ़ी है।
नतीजतन, एचपीएल मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी साल दर साल बढ़ती जा रही है और यह एक तरह से उन सभी डिजाइनों को लाने वाली है जो बेहतर कीमतों के साथ पेश किए गए थे। छोटे और ग्रामीण बाजार में 0.8 मिमी लैमिनेट की बढ़ती मांग इन नए प्लेयर्स को इस प्रतिस्पर्धी बाजार में कुछ हिस्सेदारी हासिल करने में मदद कर रही है। उत्तरी भारत में स्थित मध्य और छोटे आकार के डेकोरेटिव लैमिनेट निर्माता आकर्शक डिजाइन, बनावट और रंगों के साथ छोटे और तीसरे दर्जे के षहरों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।
प्लाई रिपोर्टर को अनुमान है कि बढ़ती आपूर्ति और आक्रामक डिजाइन ऑफरिंग के कारण 0.8 मिमी के लैमिनेट और लैमिनेटेड डोर की मांग पिछले 4 वर्षों में दोगुनी हो गई है। यहां तक कि कुछ ब्रांडेड लैमिनेट मैन्युफैक्चर्र, जो 1 मिमी के लैमिनेट की ओर अधिक केन्द्रीत हुए हैं, अब 0.8 मिमी सेगमेंट में एक बढ़िया कैटलॉग की पेशकश करने के लिए मजबूर हुए हैं। प्रेस मोल्ड्स के निर्माता पूरी तरह से इस जरूरत को पूरा कर रहे हैं और आक्रामक रूप से ऐसे डिजाइनों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे पीछे की सीट पर 1मिमी सेगमेंट की जरूरतों को पूरा किया जा सके। वर्तमान में बाजार की मांग को पूरा करने के लिए टेक्सचर्ड और ग्लॉस मोल्ड्स मुख्य रूप से 0.8 मोल्ड से बने लेमिनेट्स के लिए मिलते हैं।
चीन और भारत की प्रेस मोल्ड्स कंपनियां लगातार बढ़ती मांग के कारण 0.8 मिमी लैमिनेट सेगमेंट में अधिक विकल्प पेश कर रही हैं। बाजार की प्रवृत्ति से संकेत मिलता है कि 0.8 लैमिनेट की मांग अभी टिकी रहेगी जिसके लिए नए नए मोल्ड अब केवल 1 मिमी नहीं, बल्कि 0.8 मिमी में भी आ रहे हैं।