दीपक नाइट्रेट केमिकल निर्माता के शेयर की कीमत वर्ष की शुरुआत की कीमत से दोगुने से अधिक हो गई हैं। इस अवधि में स्टॉक 375.20 रुपये 101.5 प्रतिशत से बढ़कर 756.05 रुपये (सोमवार, 24 अगस्त तक) तक पहुंच गया। इसकी तुलना में, बेंचमार्क एस एंड पी बीएसई सेंसेक्स इसी समय सीमा में -6.06 प्रतिशत की गिरवाट दर्ज की है।
शेयर बाजार में यह तेजी 20 अगस्त को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (क्ळज्त्) द्वारा थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका से फेनाॅल आयात पर अंतरिम एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने की सिफारिश किये जाने के बाद देखी गई। खबरों के मुताबिक, दीपक फेनोलिक्स, हिंदुस्तान ऑर्गेनिक्स और एसआई ग्रुप ने डीजीटीआर से शिकायत की थी कि उन्हें आयात बढ़ने से उत्पादन लागत से कम पर फिनॉल बेचना पड़ रहा है। भारत हर साल लगभग 600 मिलियन डॉलर का फेनाॅल आयात करता है।
सम्बंधित वस्तुओं को डंप किए गए कीमतों पर भारत में निर्यात किया गया है। इससे घरेलू उद्योग को काफी घटा लगा है। डीजीटीआर ने कहा कि डोमेस्टिक इंडस्ट्री में डंप इंपोर्ट के कारण काफी नुकसान हुआ है। अथॉरिटी का मानना है कि डंपिंग और नुकसान की भरपाई के लिए प्रोविजनल ड्यूटी लगाने की जरूरत है। इसलिए, प्राधिकरण इसे आवश्यक मानता है और सम्बंधित देशों से आयात पर अस्थायी एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश करता है।
2020-21 की जून तिमाही में, दीपक नाइट्राइट के स्टैंडअलोन राजस्व में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत की गिरावट के चलते 355 करोड़ रु पहुंच गई। कंपनी ने इसके लिए कोविड 19 महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी तालाबंदी को जिम्मेदार ठहराया और कहा तिमाही में प्रभावी क्षमता उपयोग लगभग 65 प्रतिशत था औरशुद्ध लाभ 40.7 प्रतिशत घटकर 63.61 करोड़ रुपये रह गया।