अलटरनेट प्लाइवुड की मांग अब 5 साल के बाद फिर से पूरे देश में बढ़ रही है और यह एक निर्विवाद प्लाइवुड सब्सट्रेट बनता जा रहा है। उत्तरी बेल्ट में पोपलर की उपलब्धता बढ़ने के साथ आॅल पोपलर ग्रेड द्वारा 2015 के मध्य में ही अलटरनेट प्लाइवुड के बाजार को अपना लिया गया था। प्लाई रिपोर्टर, 2014 और 2015 के दौरान भी कहा था और बार-बार पोपलर की वापसी का उल्लेख किया था, जो अब पूरी तरह से खत्म हो गया है। 2019 के बाद, कोई भी फैक्ट्री प्लाइवुड बनाने के लिए पोपलर की लकड़ियों पर ज्यादा निर्भर नहीं है, इसके बजाय सफेदा, अन्य जंगली लकड़ी, सफेदा के साथ कोई भी और लकड़ीया पोपलर-सफेदा को मिलकर उपयोग कर रहे हैं। यहां तक कि दक्षिणी बेल्ट में नीलगिरि और स्थानीय प्रजाति या नीलगिरी तथा रबर या मेलिया या सिल्वर ओक के साथ दो प्रजातियों को मिलकर बेचा जा रहा है। नीम, अरडु, सेमल, कदम्ब, आम आदि प्रजातियों को भी अलटरनेट प्लाइवुड के नाम पर मिलाया जा रहा है और मार्केटिंग किया जा रहा है।
कोविड काल के बाद, प्लाइवुड उद्योग में कई बदलाव हुए हैं, और किफायती उत्पादों की बढ़ती मांग के चलते ऑल पोपलर प्लाई ’बाजार से गायब हैं। अब व्यापार में शायद ही ‘आॅल पोपलर प्लाइवुड‘ के बारे में उल्लेख किया या पूछा जाता हो और यह सेगमेंट ओकूमे फेस प्लाइवुड केसाथ सस्ते अलटरनेट प्लाई में बदल गया है।
एक साल पहले तक, पोपलर प्लाई के प्रभुत्व वाले इकोनॉमिकल ग्रेड प्लाइवुड बाजार का एक बड़ा हिस्सा था, इन बाजारों में इसका लगभग 45 प्रतिशत योगदान था, जिसके बाद लाल और सफेद के मिश्रण का 30 प्रतिशत हिस्सा होता था। पिछले 9 महीनों में, इकोनॉमिकल ग्रेड अल्टरनेट प्लाइवुड, जिसकी शुरुआती कीमत सीमा 40 रुपये है, की मांग बाजार में काफी है। निर्माताओं का कहना है कि सस्ती कीमत पर आल पोपलर प्लाइवुड की पेशकश करना मुश्किल है, क्योंकि पिछले 2 वर्षों में पोपलर वुड कीकीमत दोगुनी हो गई है।