Rising MDF & PB Demand Boosts Chemical Consumption

person access_time3 12 March 2021

देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ महीनों से जारी सीलिंग के कारण यहां का कारोबार बुरी तरह तबाह सा हो गया है जिसमें दिल्ली का प्लाइवुड और वुड पैनल उद्योग भी शामिल है। सीलिंग के कारण प्लाइवुड और
वुड पैनल इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों में अब भी भारी भय और अनिश्चितता का माहौल है। मिक्स यूज लैंड वाले क्षेत्रों में भी सरकारी अधिकारियों द्वारा सीलिंग की कार्रवाई से कई फैक्ट्रियां और गौदाम बंद हो चुके है। कई लकड़ी आधारित कारखानों का संचालन बंद हो चुका है। इन सभी कारणों से कई लोगों के रोजगार छीन चुकें है और सील व बंद की गयी फैक्ट्रियों के मालिक भारी तनाव में हैं।

पहाड़गंज न्यू टिंबर प्लाइवुड मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि सीलिंग के कारण दिल्ली के प्लाइवुड मार्केट बुरी तरह तबाह व बर्बाद हो गया है और कारोबारी कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसके लिये सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। रियल इस्टेट में मंदी समेत कई कारणों से दिल्ली का प्लाइवुड मार्केट पहले से ही कई तरह की दिक्कतों से जूझ रहा था जिसके बाद अब सीलिंग के कारण इस मार्केट पर दोहरी मार पड़ी और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुमेश गोयल का कहना है कि बवाना इंडस्ट्रीयल एरिया में कई फैक्ट्रियों को बंद किया जा चुका है। निलोठी में भी कई उद्यमों पर सरकार द्वारा तालाबंदी कर दी गयी है, जिसमें 100-150 फर्नीचर निर्माण से जुड़े उद्योग है जबकि लगभग आधा दर्जन फैक्ट्रियां प्लाइवुड से संबंधित है। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ टेबल कटर लगाने की इजाजत देती है तो दूसरी तरफ हमें लकड़ी पॉलिशिंग के लिये मना कर देती है।

प्लाई रिपोर्टर ने पाया कि देश की राजधानी में स्थित अलग-अलग कलस्टर्स और बाजारों की बिक्री में 30 से 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।

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