दक्षिण भारत में एमडीएफ बाजार अब आयात की गिरफ्त से बाहर

person access_time3 21 September 2021


श्री विकास अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, सालासर लेमिनेट्स ग्रुप

बाजार की मांग को देखते हुए सालासर लेमिनेट्स ग्रुप गुजरात के गांधीधाम में नई इकाई स्थापित करके अपनी एचपीएल मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता का विस्तार कर रहा है। नए प्लांट के साथ, कंपनी विदेशी और घरेलू दोनोंतरह की मांग को पूरा करेगी। प्लाई रिपोर्टर के साथ बातचीत के दौरान, प्रबंध निदेशक श्री विकास अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि 2024 तक उनके पूरे लेमिनेट्स कारोबार का टर्नओवर 500 रुपये से ज्यादा हो जाएगा।

प्र. आप गुजरात में एक नई लेमिनेट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा रहे हैं। हमें इसके बारे में बताएं।

बाजार में बिक्री की संभावनाएं हैं और मांग भी है। वर्तमान इकाई
से हम निर्यात कर रहे हैं और उस सन्दर्भ में हमारा लक्ष्य उस जरूरत को पूरा करना है, जिसके लिए नई यूनिट की स्थापना की गई थी जो पूरी नहीं हो रही है। इसके माध्यम से हम घरेलू बाजार के लिए फोल्डरों में रखे गए उत्पादों के शीट का पर्याप्त स्टॉक नहीं रख पा रहे हैं। इसके कारण कई बार हमारी सप्लाई में भी देरी हो जाती है। लाइनर ग्रेड में, हम खुले तौर पर काम करनेm में असमर्थ हैं, इसलिए यह कस्टमर सेगमेंट अछूता रह जाता है। यही कारण है कि हमने एक नई यूनिट लगाने की योजना बनाई है। नई यूनिट से, हम अपनी निर्यातक के साथ-साथ घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा कर सकेगे।

प्र. नई यूनिट में आधारभूत संरचना, क्षमता और मशीन इंस्टालेशन क्या है?

पहले चरण में गांधीधाम में नई यूनिट में 3 प्रेस शुरू की जाएंगी, जिसमें दो प्रेस की क्षमता 18 डेलाइट और एक की क्षमता 16 डेलाइट की है। उत्पादन की मात्रा बाजार की जरूरत के अनुसार होंगे, शायद अलग अलग साइज में, हालांकि, ज्यादातर उत्पादन 8ग4 फिट में ही होगा। 9 फिट से ज्यादा भी हो सकते हैं, जैसे 9.25 फीट ग 4.25 फीट, और 10 ग 4 वर्ग फीट के अलावा 8 ग 4 वर्ग फीट के उत्पादन होंगे। हम जुलाई 2022 तक नई यूनिट से उत्पादन देने की कोशिश कर रहे हैं।

प्र. आपका सबसे अच्छा वैल्यू फॉर मनी फोल्डर कौन सा है जिसे आप विशेष रूप से बढ़ावा देना चाहते हैं?

सभी फोल्डर वैल्यू फॉर मनी है। जो लोग हाई-एंड सेगमेंट में उत्पाद रखना चाहते हैं, वे पाएंगे कि हमारा हेरिटेज कैटलॉग उनके लिए एक अच्छा विकल्प है। जो लोग किफायती रेंज चाहते हैं, उनके लिए हमारा हच स्मार्ट, श्री, रोलेक्स, आदि 0.8 मिमी और क्राफ्टलैम 0.92 मिमी के लिए वैल्यू फॉर मनी हैं। हमारी परियोजनाओं के लिए, हमारे पास डी-लैम, होल्मार्क प्रो इत्यादि जैसे कई कैटलॉग हैं। इसलिए, हम सभी ग्राहक की जरूरतों को अच्छे से पूरा करने का प्रयास करते हैं।

प्र. आप किसी कंपनी के विकास के लिए 0.92 मिमी या 0.8 मिमी के भविष्य को कैसे देखते हैं और क्यों?

कच्चे माल के संकट और कीमत में उतार-चढ़ाव के साथ आज क  समय में, 0.92 मिमी या 1 मिमी के ग्राहक उत्पाद की मोटाई के कारण इसकी ओर आकर्षित नहीं होते हैं, लेकिन कलर, डिजाइन, कैटलॉग की प्रस्तुति, रेंज और कलर कम्बिनेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उत्पादों की बढ़ती लागत और हर जगह मंहगाई के साथ, लोग अभी भी 0.92 मिमी के जैसा उत्पाद चाहते हैं, लेकिन वे सामर्थ्य देखते हैं और 0.8 मिमी जैसे दूसरे सबसे अच्छे ऑफरिंग में फिनशिंग देखते हैं और बचत के लिए इसे लेना चाहते हैं। यही कारण है कि 0.8 एमएम का सेल बढ़ रही है। लेकिन अगर हम तीन साल पहले 0.8 मिमी की बात करें और आज क्या है, तो समीकरण बदल गया है, आज 0.8 मिमी व 0.9 मिमी के करीब आ गया है। 1 मिमी में अलग-अलग सेगमेंट हैं, जिनमें सभी अपनी स्थिति बनाए हुए है, लेकिन 0.8 मिमी और 0.92 मिमी सेगमेंट आपस में विलय हो जाएंगे और भविष्य में एक नया सेगमेंट बनाएंगे। लाउड टेक्सचर, आकर्षक फिनिश और डिजाइन के साथ पिछली बार का 0.8 मिमी सेगमेंट का बाजार नीचे जा रहा है।

प्र. आप लेमिनेट सेगमेंट में एक्सपोर्ट मार्केट को कैसे देखते हैं?

निर्यात का बाजार बढ़ रहा है और आने वाले समय में भी यह बढ़ेगा। भारतीय मेटेरियल की पूरे विश्व में स्वीकार्यता है। लेकिन,अगर कोई रातोंरात सफलता हासिल करना चाहता है, तो वह काम नहीं करेगा। इस सेगमेंट में भी गुणवत्ता, कीमत, आपूर्ति के साथ-साथ संबंधों को बनाए रखने के लिए धीरे-धीरे और धैर्य के साथ काम करना पड़ता है। निर्यात, घरेलू बाजार से भी कठिन है क्योंकि निर्यात के खरीदार कम हैं। फिर भी, एक बड़ी संभावना है।

प्र. हेरिटेज ग्रुप का कारोबार कैसा और कितने का है?

हेरिटेज ग्रुप में, संबद्ध व्यवसायों को छोड़कर, हमारा कारोबार लगभग 300 करोड़ रुपये का है, लेकिन बहुत जल्द हम 500 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएंगे। अगर हम अपने एग्रो पैनल बिजनेस को भी शामिल करें तो यह मौजूदा समय में करीब 400 रुपये हो सकता है। नई यूनिट के आने के बाद हमारा कारोबार100 या 150 करोड़ रुपये बढ़ेंगे। लेकिन ये सिर्फ उम्मीदें हैं; बाजार आपको बताएगा कि आप क्या कर सकते हैं। हम राजस्व के मामले में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा हाशिल करना चाहते हैं और हमें विश्वास है कि हम अपने नेटवर्किंग, ग्राहकों, भागीदारों और उनकेसाथ व्यावसायिक संबंधों के कारण ऐसा करने में सक्षम होंगे। हम एक परिवार हैं, और भगवान की कृपा से हम साथ में इसे प्राप्त कर सकते हैं।

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