नेपाल से प्लाइवुड के आयात में पिछले 6 महीनों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है,और देखा जा रहा है कि यह हर महीने बढ़ रही है। ये प्लाइवुड किफायती कीमतों पर उपलब्ध हैं जिसका सीधा असर हरियाणा और पंजाब में स्थित प्लाइवुड उद्योग पर पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल की प्लाई ज्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़, विदर्भ और मध्य प्रदेश के एक हिस्से में बेचा जा रहा है।
हालिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के डीलर भी नेपाल की प्लाइवुड खरीदने में रुचि ले रहे हैं। कई डीलर नियमित रूप से प्लाई रिपोर्टर के कार्यालय से संपर्क करते हैं और नेपाल स्थित प्लाइवुड उत्पादकों और व्यापारियों की जानकारी मांगते हैं।
वाराणसी के एक डीलर का कहना है कि नेपाल की प्लाइवुड की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन यह सस्ती कीमत पर उपलब्ध है, इसलिए वे यमुनानगर की सस्ती प्लाई की तुलना में इनके मेटेरियल खरीदना पसंद करते है। रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल की प्लाइवुड भारत के बाजार में लगभग 40 रुपये तक पहुंचता है। अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि नेपाल हर महीने भारत के बाजार में लगभग 400 ट्रक प्लाइवुड का निर्यात करता है और यह तेजी से बढ़ रहा है।
नेपाल में लगभग 80 प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग यूनिटें हैं, और वे प्लाईवुड बनाने के लिए यूटीस लकड़ी के कोर विनियर का उपयोग करते हैं, जो वहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यूटिस हार्डवुड जैसाक ही है और इस प्रजाति की लकड़ी का घनत्वसफेदा जैसा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार से हाल ही में बढ़ी हुई मांग के कारण, नेपाल की प्लाई इकाइयां पूरी क्षमता से चल रही हैं, लेकिन बाजार की रिपोर्ट के अनुसार उनके उत्पाद की गुणवत्ता को औसत माना जाता है।