Industry Lose Rs. 300 Cr Annually Due to Lack of Technical & Skilled Workforce

person access_time3 16 December 2017

डालर के मुकाबले कमजोर रुपया ने भारत में मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों पर दबाव पैदा कर रहा है, लेकिन निर्यातक, घरेलू विक्रेताओं की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। पिछले एक साल के दौरान रुपया 8 फीसदी कमजोर हुआ है, जो निर्यातक कंपनियों को प्रॉफिट मार्जिन का अवसर दिया। वर्ष 2016-17 के दौरान 1200 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ भारत हाई प्रेसर लैमिनेट का प्रमुख निर्यातक है। 2017-18 में एचपीएल निर्यात मूल्य दो अंकों में वृद्धि हुई जिसमे मजबूत डॉलर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यद्यपि कंपनियां अपने विक्रय की तुलना में लैमिनेट सेगमेंट में कच्चे माल की अधिक मात्रा आयात भी करती हैं, फिर भी वे सभी घरेलू बाजार उन्मुख कंपनियों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं।

पिछले 5 वर्षों के भारत के एचपीएल निर्यात आंकड़े बताते हैं कि निर्यात मूल्य सालाना दो अंकों में बढ रहा है। 2012 में अनुमान लगाया गया था कि 8 से 10 कंपनियों के साथ कुल निर्यात मूल्य लगभग 500 करोड़ रूपए था, जो क्रमशः 2014 और 2015 में 724 करोड़ और 815 करोड़ रुपये रहा। आजकल 2 दर्जन से अधिक लैमिनेट कंपनियां एचपीएल निर्यात कर रही हैं। हालांकि एचपीएल निर्यात कारोबार का प्रमुख बाजार हिस्सा मरीनो, ग्रीनलैम, स्टाईलैम, सेंचुरी लैमिनेट्स, रूशील डेकोर, अल्फा आइका, रॉयल क्राउन, पुर्वांचल लैमिनेट्स आदि जैसे उत्पादकों का ही है।

कलर और डिजाइनों के अलावा, निर्यात बाजार में साइज और थिकनेस भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 0.7 मिमी और 0.8 मिमी थिकनेस शीट की मांग मुख्य रूप से डेकोरेटिव सरफेस एप्लिकेशन के लिए होता है जिसे फर्नीचर बनाने में उपयोग किया जाता है, जबकि 8 से 12 मिमी हाई थिकनेस शीट का उपयोग पैनलिंग, डिवीजन, क्यूबिकल और फसाड के लिए किया जाता है। इंटीरियर वॉल क्लैडिंग, किचन और इलेक्ट्रिक एप्लाइअन्स के लिए 3 से 4 मिमी शीट की भी मांग है।

आकार के मामले में 8ग4 फिट के शीट का मार्केट शेयर 80 फीसदी है जिसकी मांग मुख्य रूप से सिंगापुर और यूरोपीय बाजार में हैं। संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब बाजार में 9 फीट लोकप्रिय हैं, लेकिन इसे कठिन प्रतिस्पर्धा के साथ इकोनोमिकल बाजार माना जाता है। 10 फीट मुख्य रूप से यूरोपीय और अन्य ग्राहकों के लिए एक प्रीमियम बाजार है, जबकि रिपोर्ट यह है कि 12 फीट की मांग बढ़ी है हालांकि यह बहुत कम है लेकिन पैनलिंग, क्यूबिकल और फसाड के लिए बहुत लोकप्रिय है। यह एक बहुत ही विशिष्ट बाजार है, और इस सेगमेंट में केवल 3 से 4 भारतीय ब्रांड हैं। यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रूस और पूर्वी एशिया में ऐसी मोटाई की मांग बढ़ रही है।

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