हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (एचपीएमए) ने ब्यूरो ऑफ इंडिया स्टैंडर्ड (बीआईएस) के महानिदेशक को पत्र लिखकर स्माल यूनिटों के लिए भी मार्किंग फीस में 80 फीसदी छूट की मांग की है। उन्होंने लकड़ी के उत्पादों पर मार्किंग फी की समीक्षा करने और सूक्ष्म इकाइयों के लिए मार्किंग फीस 80 फीसदी तक कम करने के लिए बीआईएस को धन्यवाद दिया। उन्होंने उनसे यह भी कहा कि स्माल यूनिटों को भी इस छूट की जरूरत है। एचपीएमए के अध्यक्ष श्री जेके बिहानी ने पत्र में कहा कि स्माल यूनिटें कोविड-19 महामारी के बाद से परेशानी कि हालत में हैं। फीस में कमी से उन्हें कुछ हद तक मदद मिलेगी।
उन्होंने मार्किंग फी में छूट की मांग पर तर्क दिया कि “कई स्माल यूनिटें अभी तक बीआईएस लाइसेंसिंग ढांचे के अंतर्गत नहीं हैं। दिनांक 1 मई, 2024 से लाइसेंसिंग अनिवार्य होने के साथ को स्माल यूनिटों को बीआईएस लाइसेंस लेनी होगी, और इस प्रक्रिया में, उन्हें कुछ मशीनों और प्रयोगशाला के उपकरणों के लिए भारी खर्च करना पडेगा और गुणवत्ता नयंत्रण के लिए और कर्मियों की नियुक्ति भी करनी होगी। उनकी वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वे ऐसे सभी खर्चों को एक साथ वहन कर सके। इसलिए उन्होंने भी मार्किंग फीस पर 80 फीसदी की छूट मिले। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस पर सही तरीके से विचार किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि लगभग नौ महीने पहले बीआईएस ने सूक्ष्म उद्यमों के लिए सर्टिफिकेशन और मार्किंग फी पर 80 फीसदी तक रियायत की घोषणा की थी।