ACP Segment to Get Boost with FR Grade Demand

person access_time4 14 May 2018

पार्टिकल बोर्ड उद्योग में पिछले दो क्वाटर से डिमांड में तेजी देखी जा रही है। क्वालिटी पार्टिकल बोर्ड के निर्माताओं की ओर से वेटिंग टाइम 15 दिनों से लेकर 40 दिनों तक है। देश भर में रेडीमेड फर्नीचर निर्माताओं द्वारा मांग में अचानक वृद्धि के चलते पार्टिकल बोर्ड की आपूर्ति में कमी को काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कमी भारतीय बाजार में डिमान्ड व सप्लाई का गैप बढ़ा दिया है।

पार्टिकल बोर्ड के उत्पादक घरेलू उत्पादन की स्वीकृति से उत्साहित हैं लेकिन वे ऑर्गनाइज्ड ओईएम को मटेरियल की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि ये ओईएम अभी अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर रहे है। उत्पादकों का कहना है कि चाहे रिटेलर हो या ओईएम हर जगह से उन्हें काफी अच्छे ऑर्डर मिल रहे है। भारत में अभी बड़े और छोटे 60 से ज्यादा पार्टिकल बोर्ड उत्पादक हैं और आजकल ऑर्डर फ्लो से वे काफी खुश हैं क्योंकि फर्नीचर मैनुफैक्चरर्स में इसकी काफी अच्छी डिमांड हैं।

ओईएम ऑर्डर, क्वाइरी और कोटेशन से भरे हुए हैं। सभी जगह फिर से ऑफिस खुल रहे हैं इसलिए इंटीरियर का काम पूरे जोरों पर है। ऑफिस फर्नीचर की बढ़ती मांग और कई ऑफिस प्रोजेक्ट की शुरुआत होने से डिमांड तेजी से बढ़ी है। बड़े कमर्शियल ऑफिसेस, ई-कॉमर्स और टेक-स्टार्ट-अप से आने वाले ऑर्डर भी पार्टिकल बोर्ड के डिमांड फ्लो को मदद कर रहे हैं। चूंकि ई-कॉमर्स, ई-रिटेलर और आईटी के ऑफिस अब खुल रहे हैं, इसलिए उद्योग अब आराम से फर्नीचर की खपत कर रहा है।

पुणे स्थित एक ओईएम का कहना है कि उनके ग्राहक परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कह रहे हैं क्योंकि कई कंपनियां अब वर्क फ्रॉम होम में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रख रही हैं, अगर आने वाले महीनों में कोविड के मामले नियंत्रित रहते हैं तो वे ऑफिस में शिफ्ट होने चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बैंगलोर, मुंबई, सूरत, हैदराबाद, दिल्ली-एनसीआर आदि मेट्रो शहरों में पार्टिकल बोर्ड की मांग काफी ज्यादा है।

दिल्ली-एनसीआर स्थित ओईएम का कहना है कि उनके पास रेडीमेड होम फर्नीचर की मांग का भी एक बड़ा ऑर्डर है और उन्हें डिमांड पूरा करने के लिए फर्नीचर की आपूर्ति सुचारू रूप से करे के लिए बड़ी मात्रा में पार्टिकल बोर्ड की जरूरत है। ओईएम ने बताया कि पहले चीन और अन्य देशों से रेडीमेड फर्नीचर लाया जाता था, पर अब वे भारतीय उत्पादकों से फर्नीचर खरीदते हैं।

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